अमेरिका में भारतीय श्रमिकों को मिले 125 करोड़ रुपये
अमेरिका में भारतीय श्रमिकों को मिले 125 करोड़ रुपये
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अमेरिका : तस्करी के एक बड़े मामले में करीब 200 भारतीय श्रमिकों को 2 करोड़ डॉलर (125 करोड़ रुपये से अधिक) का हर्जाना मिलेगा. इन श्रमिकों को कैटरीना तूफान के बाद तेल रिग और अन्य कंपनियों की मरम्मत के लिए अमेरिका लाया गया था. इनके साथ धोखाधड़ी और शोषण करने के मामले के निपटारे के लिए आरोपी समुद्री विनिर्माण कंपनी और श्रमिक 2 करोड़ डॉलर के समझौते पर पहुंच गए हैं. एक संघीय जूरी ने अलबामा सिग्नल इंटरनैशनल कंपनी को उन श्रमिकों के साथ धोखाधड़ी करने और उनका शोषण करने के मामले में इस वर्ष जिम्मेदार पाया था. कंपनी उन भारतीय श्रमिकों को एक लिखित माफी पत्र भी जारी करेगी जिन्हें वह 2005 में आए तूफान के कारण क्षतिग्रस्त हुए तेल रिग और अन्य जगहों की मरम्मत के लिए वेल्डिंग, पाइप फिट करने और अन्य काम करने के लिए अमेरिका लाई थी.

गौरतलब है कि प्रत्येक श्रमिक ने नियोक्ताओं और वकील को 10,000 से 20,000 डॉलर या इससे भी अधिक राशि भर्ती शुल्क और अन्य लागतों के तौर पर दी थी.जिसके बदले नियोक्ताओं ने उन्हें अच्छी नौकरियां, ग्रीन कार्ड और उन्हें एवं उनके परिवारों को अमेरिका में स्थानीय निवास देने का वादा किया था.

इसमें श्रमिकों का प्रतिनिधित्व करने वाली एक नागरिक अधिकार कानून फर्म सदर्न पावर्टी लॉ सेंटर ने जारी बयान में कहा कि अधिकतर श्रमिकों ने अपनी संपत्तियां बेचकर या अपने परिवारों को कर्ज के बोझ तले दबाकर यह शुल्क अदा किया. हालांकि जब श्रमिक 2006 में भारत से अमरिका आए तो उन्हें पता चला कि उन्हें ग्रीन कार्ड या स्थायी निवास नहीं मिलेगा जिसका कि वादा किया गया था. कंपनी ने उन्हें 'पृथक, संरक्षित श्रमिक शिविरों' में रहने के एवज में हर महीने केवल 1,050 डॉलर ही मिलते थे और करीब 24 लोगों को एक छोटे कमरों में रखा जाता था जबकि कंपनी के किसी भी गैर भारतीय श्रमिक को कंपनी आवास में रहने की आवश्यकता नहीं थी.

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