नई दिल्लीः भारतीय रेलवे आमतौर पर अपने घाटे और खराब सेवा के कारण अक्सर सुर्खीयों में आती रहती है। मगर रेलवे के लिए अरसे बाद अच्छी खहर आई है। रेलवे ने तत्काल टिकटों से कमाई कर मालामाल हो चुकी है। रेलवे ने इस टिकट से चार सालों में 25 हजार करोड़ रुपये की अतिरिक्त कमाई हुई है। तत्काल कोटा 1997 में शुरू किया गया था। इसका उद्देश्य आखिरी वक्त पर यात्रा का निर्णय लेने वाले यात्रियों को आरक्षण का अवसर उपलब्ध कराना था। इसकी शुरुआत चुनिंदा ट्रेनों से हुई थी।
बाद में 2004 में इस सुविधा का विस्तार सभी मेल एक्सप्रेस ट्रेनों में कर दिया गया था। रेलवे को 2016 से 2019 के चार वर्षो की अवधि में तत्काल कोटा टिकटों से कुल 21,530 करोड़ रुपये की अतिरिक्त आमदनी हुई। इसके अलावा तत्काल प्रीमियम टिकटों से भी रेलवे को 3862 करोड़ रुपये की अतिरिक्त कमाई हुई। तत्काल कोटे का टिकट बुक कराने वाले यात्रियों से द्वितीय श्रेणी के मामले में बेसिक किराये के 10 फीसद के बराबर, जबकि अन्य श्रेणियों के मामले में बेसिक किराये के 30 फीसद के बराबर तत्काल शुल्क वसूला जाता है।
मगर इस शुल्क की न्यूनतम और अधिकतम सीमाएं निर्धारित हैं। तत्काल के प्रीमियम वर्जन की शुरुआत 2014 में चुनिंदा ट्रेनों में हुई थी। इसके तहत तत्काल कोटे के पचास फीसद टिकटों की बिक्री डायनामिक किराया प्रणाली के आधार पर की जाती है। साल 2016-17 में तत्काल टिकटों की बिक्री से रेलवे को 6672 करोड़ रुपये का इनकम प्राप्त हुआ। अगले साल यानी 2017-18 में ये और बढ़कर 6915 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। बता दें कि भारतीय रेलवे लंबे वक्त से घाटे में चल रही है।
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