नई दिल्ली : मानसून विभाग के दावे पर यकीन करें तो मार्च के बाद जलवायु में हुए परिवर्तन को देखकर लगता है कि इस बार मानसून सामान्य से बेहतर रहने वाला है. इससे जहाँ किसानों को लाभ मिलने की उम्मीद है, वहीं फसल ज्यादा होगी तो उनकी आमदनी भी बढ़ेगी.
गौरतलब है कि इस बार 96 फीसदी बारिश होने की सम्भावना हैं. पिछले 50 वर्षों में इसका औसत 89 फीसदी ही रहा है. इसे देखते हुए मानसून 2017 में बहुत अच्छा रहने वाला है. अल नीनो के कमजोर पड़ने के साथ मानसून के बेहतर रहने की संभावना बन रही है. अल नीनो के कारण 2016 में फसलों को काफी नुकसान हुआ था. भारत में 70 फीसदी बारिश मानसून के दौरान ही होती है और अधिकांश किसान इसी पर निर्भर रहते हैं. देश के कई हिस्सों में सिंचाई की व्यवस्था पर्याप्त नहीं है. बेहतर मानसून से उत्पादन भी बंपर होने की उम्मीद है.
मौसम विभाग के महानिदेशक केजी रमेश ने कहा कि मौसम का सही अनुमान लग जाए तो फसलों को बहुत लाभ हो सकता है. किसान बारिश के हिसाब से फसल को बोने का काम कर सकते है. बता दें कि भारत में पहले 1920 की ब्रिटिश व्यवस्था के द्वारा मौसम का पूर्वानुमान लगाया जाता रहा है, लेकिन अब पहली बार अमेरिका द्वारा तैयार की गई व्यवस्था के सहारे मौसम का मिजाज भांपने की कोशिश की जा रही है.
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