आतंकवाद  से लड़ने की नई व्यवस्था बनाये भारत
आतंकवाद से लड़ने की नई व्यवस्था बनाये भारत
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इस्लामिक स्टेट, तालिबान और अन्य आतंकी संगठनों की दुनिया भर में बढ़ रही ताकत के मद्देनजर भारत को विघटनकारी शक्तियों से लड़ने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर नई व्यवस्था बनानी पड़ेगी जिसमें आंतरिक सुरक्षा, आतंकवाद और विद्रोह से लड़ने वाले पुलिस बलों, ख़ुफ़िया एजेंसियों की जानकारी साझा करने की तकनीक और प्रतिक्रिया तंत्र को मजबूत करने की व्यवस्था हो.

उक्त विचार छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डा.रमन सिंह ने शनिवार को दिल्ली में आयोजित 11वीं अंतरराज्यीय परिषद की बैठक में व्यक्त किये. आपने बैठक में छत्तीसगढ़ सहित नक्सल प्रभावित राज्यों में पुलिस बल के आधुनिकीकरण और सशक्तिकरण के लिए हाईटेक उपकरण उपलब्ध कराने की मांग की.

आपने सुझाव दिया कि सुरक्षा संबंधी मामलों की जानकारी के नियमित आदान-प्रदान और आतंकवाद पर एक कॉमन डाटा बेस नेटग्रिड निर्मित किया जाना जरुरी हैं. डा.रमन ने युवाओं को कट्टर आतंकवादी विचारधारा से प्रभावित होने से बचाने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर एक डी- रैडिकलाइजेशन पॉलिसी बनाने के साथ -साथ साइबर आतंकवाद के खिलाफ सख्त कानून और अलग न्यायालय बनाने का भी सुझाव दिया.

छत्तीसगढ़ के सीएम ने कहा कि विकास कार्यों में गति आने से नक्सलियों का मनोबल तेजी से गिरा हैं. नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में तेजी से विकास के लिए प्रस्तावित बस्तर विकास योजना को शीघ्र स्वीकृत करने की भी मांग की. इस योजना से वामपंथी उग्रवाद के खिलाफ लड़ाई लड़ने में तो मदद मिलेगी ही, देश की आंतरिक सुरक्षा की दिशा भी तय करेगी.

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