नई दिल्ली: राजनीतिक विश्लेषक और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भाजपा के लिए एक ब्रांड के तौर पर स्थापित करने वाले प्रशांत किशोर को अब केंद्र सरकार ने ही नोटिस भेज दिया है. प्रशांत को यह नोटिस आयकर विभाग ने भेजा है. जिसमें 4 वर्ष की उनकी आय के स्त्रोत का ब्यौरा दिया गया है.
इसमें सवाल किए गए हैं कि आखिर उनकी आय के स्त्रोत क्या थे? दरअसल प्रशांत किशोर की संस्था को जो नोटिस जारी किया गया है वह डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ सेंट्रल एक्साइज इन्टेलिजेंस द्वारा जारी किया गया।
प्रशांत किशोर वर्तमान में कांग्रेस के लिए उत्तरप्रदेश 4में चुनाव की कमान संभाल रहे हैं. दूसरी ओर बिहार विधानसभा चुनाव में प्रशांत किशोर ने महागठबंधन के लिए कैंपेनिंग की रणनीति बनाई थी. भाजपा की हार बिहार विधानसभा चुनाव में हुई थी. बताया जाता है कि पश्चिम बंगाल में भी तृणमूल कांग्रेस ने प्रशांत किशोर की सहायता ली थी. पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस की जीत हुई।