नई दिल्ली : बाल विवाह को लेकर विश्व में भारत के प्रति अच्छी सोच नहीं बनी हुई है. विश्व में भारत को ऐसे देश के रूप में देखा जाता है जहाँ बाल विवाह अधिक होता है. लेकिन हाल ही में जारी किए गए 2011 के जनगणना अध्ययन के अनुसार भारत के युवा अब अधिक उम्र में शादी कर रहे हैं. यही नहीं भारत में पिछले कुछ सालो में प्रजनन दर में कमी आई है.
अध्ययन के अनुसार एक दशक पहले लड़कियों की शादी की औसत उम्र 18.3 थी जो अब बढ़कर 19.3 हो गयी है, वहीँ लड़को की औसत उम्र 22.6 से बढ़कर 23.3 हो गयी है. हालाँकि इस दौरान तलाक के मामलों में भी तेजी से इजाफा हुआ है. अगर वैवाहिक स्थिति की बात की जाए तो राष्ट्रीय स्तर पर कुल महिलाओं की तुलना में शादीशुदा महिलाओं और का अनुपात 2011 की जनगणना में 49. 9 प्रतिशत दर्ज किया गया, जबकि 2001 में यह 47. 7 प्रतिशत था.
पुरूषों के मामले में यह आंकड़ा 2011 में 46. 0 प्रतिशत है जबकि 2001 में यह 43. 6 था. इसके अलावा 2011 में बच्चों का लिंगानुपात 2001 के मुकाबले सभी आयु वर्ग में कम हो गया है.
जीवन अनुपात में सुधार हुआ है. राष्ट्रीय स्तर पर कुल प्रजनन दर 2001 से 2011 के दौरान 2. 5 से घटकर 2. 22 हो गया है. विधवाओं का अनुपात 2001 के 6. 4 से बढ़कर 2011 में 7. 4 हो गया है और विदुरों में यह 1. 8 से बढ़कर 2. 0 हो गया है.
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