May 04 2016 12:04 PM
भारत की आर्थिक वृद्धि में सुधार को लेकर अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष ने यह कहा है कि हमें देश में वस्तु व सेवा कर के साथ ही जमीन और श्रम क्षेत्र पर भी ध्यान देना जरुरी है. कोष का यह कहना है कि निजी उपभोग के कारण वृद्धि में मजबूती आ सकती है. जबकि साथ ही यह भी देखने को मिला है कि मुद्राकोष ने चालू वर्ष में भारत की आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान को 7.5 फीसदी पर ही रखा है.
गौरतलब है कि देश की आर्थिक वृद्धि की संभावना अनुकूल बनी हुई है. लेकिन इसके चलते वस्तु एवं सेवा कर को प्राथमिकता दी जानी अनिवार्य हो गई है.
गौरतलब है कि GST बिल कुछ कारणों के चलते संसद में अटका हुआ है, और केंद्र सरकार के द्वारा इसे लागू किए जाने के सभी प्रयास किए जा रहे है. बताया गया है कि इसके लागु होने से एकल बाजार का विकास, देश में वस्तुओं और सेवाओं का प्रवाह और साथ ही जीडीपी वद्धि को मजबूती मिलने की सम्भावना है. साथ ही मुद्राकोष का कहना है कि बिजली, भूमि अधिग्रहण, श्रम और कारोबार पर भी ध्यान दिए जाने की जरुरत है.
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