![15 जुलाई को इतिहास रचेगा भारत, इसरो लांच करेगा चंद्रयान - 2](https://media.newstracklive.com/uploads/national-news//Jul/13/big_thumb/jd_5d2990b5aef2b.jpg)
कानपुर: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) 15 जुलाई को इतिहास रचने जा रहा है। इसरो 15 जुलाई को चांद के दक्षिणी ध्रुव के लिए चंद्रयान-2 लांच करने जा रहा है। इसरो की सहायता करके चांद के तमाम राज को विश्व के सामने लाने में इस बार कानपुर का आईआईटी अहम् भूमिका निभाएगा। इसरो के चंद्रयान-2 अभियान के लिए कानपुर आईआईटी ने इसरो की महत्वपूर्ण सहायता की है। 2009 में कानपुर आईआईटी और इसरो के बीच दो एएमयू साइन किए गए थे।
जिसमें पहला एएमयू चंद्रयान -2 के लिए मैप बनाने का और दूसरा एएमयू रास्ता दिखाने के लिए साइन किया गया था, जिसे कानपुर आईआईटी के वैज्ञानिकों ने बनाकर इसरो को दिया है। आईआईटी कानपुर में पढ़ाने वाले प्रोफेसर के ए वेंकटेश और प्रोफेसर आशीष दत्ता ने कई वर्षों की मेहनत से ये प्रोजेक्ट तैयार किया है। प्रोफेसर आशीष दत्ता न बताया है कि अंतरिक्ष परियोजना चंद्रयान-2 के चांद पर पहुंचते ही मोशन प्लानिंग का काम आरंभ हो जाएगा।
सबसे पहले चंद्रयान 2 में लगा विशेष रोवर पहुंचते ही वहां की थोड़े समय में मैपिंग करेगा उसके बाद वो रूट का चार्ट भी तैयार करेगा। रूट के चार्ट बनाते समय दो तरह की लाइनें बनेंगी। अगर रास्ता सीधा है तो सीधी लाइन बनेगी और रास्ता अगर जिगजैग है तो उसी रास्ते के हिसाब से लाइन भी टेढ़ी बनेगी।
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