श्रीनगर : जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ फारूक अब्दुल्ला नेअपने पिता और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री शेख मोहम्मद अब्दुल्ला की 111वीं जयंती पर नेशनल कॉन्फ्रेंस कार्यकर्ताओं को कश्मीरी भाषा में संबोधित करते हुए एक बार फिर विवादित बयान दिया है.उन्होंने हुर्रियत नेताओं से कहा कि आप अलग रास्तों पर मत चलिए. एकजुट हों.कश्मीर के हक के लिए हम भी आपके साथ खड़े हैं.
पिता की कब्र पर अपने कार्यकर्ताओं से फारूक ने हुर्रियत से कहा कि कश्मीर के हक के लिए हम भी आपके साथ खड़े हैं.लेकिन हम गलत चीज का साथ नहीं देते. हमने कश्मीर के लिए बहुत संघर्ष किया है.जब तक आप सही रास्ते पर चलते रहेंगे, हमें अपने साथ पाएंगे.आपका रवैया सही रहना चाहिए और कश्मीरी कौम को आगे बढ़ाने वाला होना चाहिए.
फारूक ने कश्मीर की आग का जिक्र कर कहा कि उसे दबाया नहीं जा सकता. जब तक हिंदुस्तान और पाकिस्तान हमारे साथ इंसाफ नहीं करेंगे तब तक इस आग को दबाया नहीं जा सकता. जितना ये लोग आग को दबाने की कोशिश करेंगे, उतना ये और बढ़ेगी. बाद में पत्रकारों के सामने फारूक ने स्पष्ट किया कि मैं हुर्रियत के साथ हूं या खिलाफ हूं, वो बात नहीं है. वो हक की बात करता है तो हम उसके साथ हैं, खिलाफ नहीं हैं. ना पहले कभी थे और ना अभी हैं.भारत - पाक सम्बन्धों पर फारूक ने कहा कि पीएम मोदी इस मसले को हल करना चाहते हैं. दोनों देशों के लिए बातचीत ही एकमात्र तरीका है.सीमा पर टकराव से दोनों तरफ के लोगों को नुकसान उठाना पड़ता है.