Jun 12 2016 02:53 AM
जब भी हम अपनी क्षमता से ज्यादा सामान उठा लेते है तो हमारे पेट की नाभि सरक जाती है. नाभि के अपनी जगह से हटने से अक्सर रोगी के पेट में दर्द, गैस, दस्त, भूख न लगना आदि रोग प्रकट होते हैं. इसको दूर करने के लिए नाभि को ठीक तरह से अपनी जगह पर बैठाना चाहिए.
नाभि पर कोई भी तेल खासकर सरसों का तेल लगाने से लाभ होता है. रोग की तेजी होने पर रूई का फोया तेल में भरकर नाभि पर रख सकते हैं और इसे पट्टी से बांध सकते हैं.
इनके अलावा दमा,खांसी, सिर-दर्द, वातरोग, पागलपन, मिर्गी, कमर का दर्द आदि में भी नाभि पर तेल लगाने से लाभ होता है. यह 1 सप्ताह तक लगा सकते हैं. नाभि पर तेल लगाने के बाद शीतल (ठंडा) पेय नहीं पीना चाहिए और आराम करना चाहिए.
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