कहते है बच्चा पैदा करते समय जितना दर्द होता है उस से कही ज्यादा दर्द पथरी की बिमारी हो जाने पर होता है. यदि पथरी बड़ी हो तो डॉक्टर आपरेशन का बोलते है. लेकिन क्या आप जानते है आप कुछ घरेलु इलाज के द्वारा भी इस पथरी को गाला सकते है. आइये जाने कैसे.
यदि गुर्दे या मूत्राशय में पथरी हो तो 250 ग्राम कुलथी (शिमला की पहाड़ियों से आने वाली सफेद कुलथी ठीक रहती है) को साफ कर रात को तीन किलो पानी में भिंगोकर रख दें. सबेरे भीगी हुई कुल्थी सहित उस पानी को धीमी आंच पर लगभग चार घंटे तक पकायें. जब पानी सिर्फ एक किलो रह जाये (जो काले चनों के सूप की तरह होता है) तब उसे नीचे उतार लें.
तीस से पचास ग्राम (अपनी पाचन शक्ति के अनुसार) देशी घी का छौंक लगायें. छौंक में थोड़ा सा सेंधा नमक, काली मिर्च, जीरा, हल्दी डाल सकते हैं. इस स्वादिष्ट सूप को 250 ग्राम की मात्रा में दिन में एक बार दोपहर के भोजन के स्थान पर लगभग बारह बजे पी लें. दस-पंद्रह दिन तक इस नुस्खे के सेवन से गुर्दे और मूत्रालय की पथरी गलकर बिना आपरेशन के बाहर आ जाती है. इस नुस्खे के सेवन करते वक्त दोपहर का भोजन नहीं लेना है.