कटा हुआ मांस बेचने पर नहीं होगी पाबंदी : हाई कोर्ट
कटा हुआ मांस बेचने पर नहीं होगी पाबंदी : हाई कोर्ट
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मुंबई : पर्यूषण पर्व के दौरान मुंबई में मीट सैलिंग पर बैन लगाए जाने की जैन समाज की मांग को लेकर मुंबई में जबरदस्त विरोध हुआ। मामले को लेकर जनहित याचिका दायर की गई जिसे लेकर मुंबई उच्च न्यायालय ने अपना निर्णय दिया है। हाईकोर्ट द्वारा अपने एक आदेश में कहा गया कि मीट की बिक्री पर लगी रोक हटा ली गई है मगर जानवरों को काटने को लेकर बैन जारी रहेगा। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि मांस विक्रेता मांस को बाहर से लाकर बेच सकते हैं। 

मिली जानकारी के अनुसार नवी मुंबई में मांस के विक्रय को नगर पालिका ने प्रतिबंधित कर दिया था। जिसके बाद शिवसेना, महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना और कांग्रेस ने मांस की खरीदी पर लगे प्रतिबंध को हटाने की मांग की थी। इस दौरान महाराष्ट्रनवनिर्माण सेना ने चिकन खरीदी के स्टाॅल भी लगाए थे। इसके बाद जैन धर्म के लोगों ने 11 सितंबर से 18 सितंबर तक पर्यूषण पर्व मनाने की बात कही। इस दौरान कहा गया कि अहिंसा संघ विश्वमैत्री ट्रस्ट और भाजपा के नेताओं राजपुरोहित, अतुल शाह ने मांस के विक्रय पर प्रतिबंध की मांग की थी।

इस मामले में बांबे म्युनिसिपल काॅर्पोरेशन को मेमोरेंडम भी दिया गया था। मामले में मांस विक्रेताओं द्वारा न्यायालय में याचिका दायर की गई थी। जिस पर कोर्ट ने आदेश दिया कि मांस का विक्रय किया जा सकता है लेकिन उसे काटा नहीं जा सकता। न्यायालय ने सवाल किए तो तर्क सुनकर उसे आश्चर्य हुआ।

न्यायाधीशों ने सवाल किए कि मटन को बैन करना चाहते हैं लेकिन मछली, सी-फूड, फ्रोजन मटन और अंडों पर प्रतिबंध क्यों नहीं है। ऐसे में दलील दी गई कि मटन को काटा जाता है और मछली को पानी में निकालते ही वह मर जाती है। न्यायालय ने कहा कि अहिंसा की बात की जा रही है मगर ये क्या बात हुई कि कुछ दिन के लिए  मटन की बिक्री रोकी जाए अन्य दिनों में इसे जारी रखा जा सकता है। 

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