तो इसलिए नही बिकते यहाँ पर रुपयों में मिट्टी के खिलौने
तो इसलिए नही बिकते यहाँ पर रुपयों में मिट्टी के खिलौने
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बलोदा बाजार । लवन नगर से 2 किमी दूर ग्राम कोरदा में पोला अनूठे तरीके से मनाया जाता है। इसकी तैयारी कृष्ण जन्माष्टमी के बाद से शुरू हो जाती है। यहां पर्व पर मिट्टी और कागज के खिलौने पकवानों से खरीदे जाते हैं। पैसे से अगर कोई ये खिलौने लेना चाहे तो भी नहीं दिया जाता। गुरुवार को पर्व मनाया जाएगा।

पर्व के लिए ग्राम की महिलाओं ने ग्राम के महामाया मंदिर के पास तालाब किनारे मिट्टी की घरघुंदिया और घर बनाना शुरू कर दिया है। त्योहार के दिन उसकी विभिन्ना रंगों से पुताई एवं सजावट की जाती है। ताकि उसका भी घर प्रतियोगिता में शामिल हो सके और स्थान पा सके। समिति द्वारा घरों की सजावट पर पुरस्कार दी जाती है। साथ ही बहुत बड़ा बाजार लगता है। जिसमें मिट्टी एवं कागज के बने खिलौने पकवान रोटी, पुड़ी, बड़ा आदि में बेचा जाएगा।

पैसे से नहीं बिकता खिलौना :

 पैसे से कोई खिलौना नहीं बिकता। समिति द्वारा इन खिलौनों को बेचने वालों को भी पुरस्कार प्रदान की जाती है। इसके बाद बैल सजावट प्रतियोगिता में भी बैल सजावट पर भी समिति पुरस्कार प्रदान करती है। यह प्राचीन परंपरा है। जो सैकड़ों वर्षों से चली आ रही है।

पर्व का अनूठा रूप देखने लगेगी भीड़

पर्व का कार्यक्रम सायंकाल 4 से 6 बजे तक चलता है। इस प्रकार के पोला पर्व जो निश्चित ही अनूठा है। इसे देखने आसपास के ग्रामीण भारी संख्या में पहुंचते हैं। विदित हो कि इस प्रकार का पोला पर्व अंचल में मनाया जाने वाला ग्राम कोरदा ही शायद ऐसा गांव है। इस कार्यक्रम को सफल बनाने में पंचायत के सरपंच, पंच सहित ग्राम के बुजुर्ग, जवान, बच्चे अपना-अपना योगदान देते हैं।

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