फिर केदारनाथ ने खोली जटा,बाढ़ से दो दिन के लिए थमी केदारेश्वर यात्रा
फिर केदारनाथ ने खोली जटा,बाढ़ से दो दिन के लिए थमी केदारेश्वर यात्रा
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केदारनाथ : इस बार भी बाबा केदारेश्वर के दर्शन श्रद्धालुओं को दुर्लभ हो गए हैं। जी हां, सरकार के लाख प्रयास के बाद भी यहां पर दर्शनार्थियों और पर्यटकों के अनुकूल परिस्थितियां नहीं बन पा रही हैं। ऐसे में श्री केदारनाथ के दर्शन कर पाना काफी मुश्किल हो गया है। जोरदार बारिश के बाद अलकनंदा ने अपना भयावह रूप ले लिया और सारे बंध तोड़कर मां अलकनंदा बह चली। ऐसे में नदी में बाढ़ आई और बड़ी संख्या में लोग प्रभावित हुए। बाढ़ के कारण केदारघाटी में करीब पंद्रह हज़ार दर्शनार्थियों के फंसे होने का अनुमान है एक बार फिर राज्य पुलिस और सेना ने मोर्चा संभालते हुए हेलिकाॅप्टर से प्रभावितों को निकालने का प्रयास प्रारंभ किया। हालांकि इस काम में केंद्र सरकार द्वारा मदद कर नेशनल डिज़ास्व्टर रिस्पाॅन्स फोर्स को भेजा जा रहा है। बाढ़ और बारिश के चलते केदारनाथ यात्रा को दो दिनों के लिए रोक दिया गया है।

मिली जानकारी के अनुसार केदारनाथ में एक बार फिर अलकनंदा ने विकराल रूप ले लिया। ऐसा लगा जैसे साधना में लीन शिव ने अपनी जटा से गंगा के रूप में अलकनंदा का प्रवाह खोल दिया हो। यह अपने तटबंध तोड़ती हुई इंसानी पुलों तक को क्षतिग्रस्त कर बहने लगी तो लोगों की सांसे थम गई, लोग भय से कांप उठे। इस दौरान प्रदेश के मुख्यमंत्री हरीश रावत ने आधे रास्ते से यात्रा छोड़कर लौटने की मंशा रखने वाले यात्रियों से अपील की कि वे यात्रा को बीच में न छोड़ें।

मानसरोवर के 4थे जत्थे को धारचूला बेस कैंप में रोक दिया गया। लोगों को भोजन आदि सामग्री प्रदान की जा रही है। हालात ये हैं कि हेमकुंड और बद्रीविशाल में तक दर्जनभर सड़कें और पुल क्षतिग्रस्त हो चुके हैं। बारिश से आई परेशानी और न बढ़े इसके प्रयास किए जा रहे हैं। हिमालय बेल्ट के इस क्षेत्र में भूस्खलन की संभावनाओं पर भी नज़र रखते हुए यात्रियों की सुरक्षा का कार्य किया जा रहा है। हजारों यात्रियों को गोविंद घाट के सुरक्षित क्षेत्रों में पहुंचाया गया है। अब राहत दल और सरकार मौसम खुलने का इंतज़ार कर रहे हैं।

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