नई दिल्ली: भारत बायोटेक के इंट्रानेसल (नाक के माध्यम से दी जाने वाली वैक्सीन) कोरोना वैक्सीन को भारत के औषधि महानियंत्रक ने आपात इस्तेमाल की अनुमति दे दी है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ मनसुख मंडाविया ने इसकी घोषणा कर दी है। बता दें कि, नाक के जरिए दी जाने वाली ये भारत की पहली कोरोना वैक्सीन है।
लगभग एक पखवाड़े पहले कोरोना की BBV-154 इंट्रानैसल वैक्सीन का तीसरा क्लीनिकल ट्रायल संपन्न कर लिया है। उस समय भारत बायोटेक ने बताया था कि नाक के माध्यम से दिए जाने वाले कोरोना वायरस वैक्सीन, BBV154 तीसरे फेस के नियंत्रित क्लीनिकल ट्रायल में सुरक्षित, बेहतर तरीके से सहन करने योग्य और प्रतिरक्षाजनक साबित हुआ है।
रिपोर्ट के अनुसार, कंपनी द्वारा बताया गया था कि करीब 4000 वॉलिंटियर्स पर परीक्षण किया गया और एक भी साइड इफेक्ट का मामल देखने को नहीं मिला। ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने पहले बूस्टर डोज के रूप में इंट्रानैसल वैक्सीन के क्लिनिकल ट्रायल के लिए हरी झंडी दी थी। कंपनी ने बताया था कि कोई भी इंजेक्टेबल वैक्सीन केवल शरीर के निचले हिस्से को सुरक्षित करती है, जबकि नेजल वैक्सीन पूरे शरीर को सुरक्षा प्रदान करती है। वहीं, इसको मंजूरी मिलने से पहले AIIMS के डॉ। संजय राय ने कहा था कि यदि नाक से दिया जाने वाला टीका म्यूकोसल इम्यूनिटी प्रदान करने वाला है, तो यह पूरी मानव जाति के लिए एक बड़ी उपलब्धि होगी।
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