कीटाणुओं से होने वाले ज्यादातर इंफेक्शन वायरस और बैक्टीरिया के कारण होते हैं. हालांकि आप कीटाणुओं को फैलने से रोकने में कामयाब हो सकते हैं लेकिन हमेशा अपने बच्चे को बीमार होने से नहीं रोक पाते. इसलिए माता-पिता के लिए यह जानना बहुत जरूरी है कि वायरल इंफेक्शन होने पर बच्चों की देखभाल कैसे की जायें.
1-बच्चे को खांसी से राहत देने के लिए आप उसे शहद भी दे सकते हैं. 2 से 5 आयु वर्ग के बच्चे को आधा चम्मच और 6 से 11 आयु वर्ग के बच्चे को पूरा चम्मच शहद देना चाहिए. सोते समय शहद देने पर आपके बच्चे को सुबह राहत मिल सकती है. 6 महीने या उससे कम उम्र के बच्चे को बुखार के लिए ओवर-द-काउंटर दवा दी जा सकती है. हालांकि इसे देने के लिए और सही खुराक के बारे में जानने के लिए अपने डॉक्टर से जांच करवाना बेहतर रहता है.
2-नेसल कन्जेस्चन के लिए नमक का पानी बहुत ही शानदार उपाय है. नाक को नमक और पानी के घोल से धोने पर बैक्टीरिया और वायरस खत्म होते हैं. इसलिए अगर आपके बच्चे की नाक भरी हुई है तो यह नुस्खा जरुर आजमाएं. एक गिलास पानी में एक चम्मच नमक डाल कर उबाल लें. फिर उसे ठंडा होने दें. बस हो गई तैयार आप के बच्चे के नाक में डालने की दवा. आवश्यकतानुसार इस की 3-4 बूंदें बच्चे के नाक में डालते रहें जिससे उसके नाक में जमा हुया रेशा नर्म होकर छींक के साथ बाहर आ जाएगा और शिशु का नाक खुल जाएगी. वैसे तो नाक में डालने के लिए सेलाइन नेजल ड्राप्स आपको केमिस्ट की दुकान से भी आसानी से मिल सकते हैं.