दीपावली नज़दीक आने पर बाजारों में कई जगह काले और हर सिंघाड़ों की बहार आ जाती है। केवल स्वाद ही नहीं बल्कि सेहत और स्वास्थ्य के लिए भी सिंघाड़ा इतना फायदेमंद है, कि आपने कल्पना भी नहीं की होगी।पानी फल के नाम से मशहूर सिंघाड़ा सेहत के लिए पौष्टिकता से भरपूर होता है। यह फल न केवल कई बीमारियों के लिए फायदेमंद है बल्कि धार्मिक दृष्टि से भी इस फल को पवित्र और पौष्टिक माना जाता है। इसकी पवित्रता का अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि व्रत-उपवास में इसे फलाहार में शामिल किया जाता है। ऐसा माना जाता है कि सिंघाड़े के तीन कोने ब्रह्मा, विष्णु और महेश के प्रतीक हैं।
यह एक ऐसा फल है जिसे किसी भी रूप में खाया जा सकता है। इसका छिलका उतारकर या कच्चा तो खा ही सकते हैं। आप इसे हल्का उबालकर नमक के साथ भी खा सकते हैं।
जानिए सिंघाड़े के कुछ मुख्य फायदे -
1 सिंघाड़े में मौजूद एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-वायरल और एंटी-कैंसर आपको कई बीमारियों दूर भगाने में मदद करता है।
2 अधिक घबराहट और ह्रदय की तेज धड़कन होने पर रोजाना सिंघाड़ा खाने से पौष्टिक शक्ति मिलने से बहुत फायदा होता है।
3 सिंघाडों को जल में उबालकर काढ़ा बनाकर पीने से पेशाब की समस्या नष्ट होती है। दो-तीन सप्ताह काढ़ा का सेवन करने से बहुत लाभ होता है।
4 सिंघाड़ों की गिरी को सूखाकर कूट-पीसकर चूर्ण बनाकर रखें। रोजाना सात-आठ ग्राम चूर्ण दूध के साथ सेवन करने से वीर्य में वृद्धि होती है। स्वप्नदोष और हस्तमैथुन से धातु क्षीणता होने पर सिंघाड़े का चूर्ण सेवन करने से बहुत लाभ होता है।
5 इसके सेवन से नींद न आने की समस्या भी दूर होती है।
6 सिंघाड़ों के छिलकों को पत्थर पर घिसकर या सिल पर पीसकर सूजन वाले भाग पर लेप करने से जल्द सूजन खत्म होता है।
7 नीबू के रस में सिंघाड़े को घिसकर लगाने या पीसकर लेप करने से दाद या चर्मरोग की समस्या दूर होती है।
8 सिंघाड़े में ऐसी क्षमता है कि वह आपके शरीर में मौजूस विषाक्त पदार्थों को बाहर निकाल सकता है।
9 सिंघाडों की गिरी का हलुवा बनाकर रोजाना खाने से कुछ महीनों में ल्यूकोरिया रोग नष्ट होता है।
10 सिंघाड़ों की बेल को पीसकर शरीर पर लेप करने से शरीर की जलन व दाह नष्ट होती है