रोहतक : देश के अन्नदाता की भावनाओ का एक बार फिर सत्ताधारियो ने मजाक बनाया है. हरियाणा सरकार ने किसानों की ज़मीन का अधिग्रहण रोहतक की इंडस्ट्रीयल मॉडल टाउनशिप के निर्माण के लिए किया था. इसके लिए किसानों को ज़मीन का मुआवज़ा दिया जा चुका है लेकिन तत्कालीन हुड्डा सरकार ने मुआवजे के अतिरिक्त प्रति एकड़ सालाना 30 हज़ार रुपये की रॉयल्टी देने की घोषणा की थी. हुड्डा सरकार तो अपना ये वादा भूल ही गयी थी जिसे खट्टर सरकार ने निभाया लेकिन मात्र 2,5,7 और 10 रूपए के चेक देकर.
रोहतक के किसानों को मिलने वाली सालाना रॉयल्टी की रकम है, जो कायदे से सालाना तीस हजार रुपये होती है. इस रॉयल्टी के रकम के लिए पहली बार सरकार द्वारा चेक दिए जाने पर किसान खुश थे लेकिन जब उन्होंने 2,5,7 और 10 रूपए के चेक देखे तो ऐसा लगा मानो सरकार किसानो की गरीबी का मजाक बना रही है. जिन किसानो को ये चेक मिले हैं उनकी आर्थिक स्थिति बेहद दयनीय है.
किसानों का हितेषी कही जाने वाली ये सरकारें रॉयल्टी देने के नाम पर किसानो की भावनाओ के साथ खिलवाड़ करती नजर आ रही है. इस चेक की छपाई का लागत मूल्य भी चेक की राशि से अधिक होगा. बैंक अधिकारियों ने इस संबंध में स्वंत्रत रूप से कोई टिप्पणी नहीं की है लेकिन ये जरूर माना है कि 2,5,7 और 10 चेक देकर सरकार ने गरीब किसान की भावनाओ का मजाक जरूर बनाया है.