देहरादून : उत्तराखंड के मुख्यमंत्री हरीश रावत ने उत्तराखंड सरकार पर जारी गतिरोध और उन पर लगे खरीद-फरोख्त के आरोपों को लेकर कहा है कि यह सब झूठ है। यह स्वार्थ के चलते किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जिस व्यक्ति से सौदे की बात कही गई है या उसे दर्शाया गया है उसे वे नहीं जानते हैं। उन्होंने कहा कि जब लोग पत्रकार के रूप में मिलते हैं तो मिलने वाला डरा और सहमा रहता है।
उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि जिसके साथ सौदा होने की बात कही जा रही है उन्होंने सरकार को दबाव में लेने का प्रयास किया है। उन्होंने जितनी प्राॅपर्टी बनाई है वह बनाईं नहीं जा सकती है। उन्होंने सरकारों को दबाव में लेने का प्रयास किया है।
मगर हमारी सरकार इस तरह के दबाव में नहीं आती है। उन्होंने कहा कि भाजपा के साथ हमारे दूसरे विधायक शामिल नहीं हुए हालांकि बागी विधायक धन के लालच में भाजपा से मिल गए। यह एक अलग बात है। इस पर अधिक कुछ नहीं कहना चाहूंगा लेकिन उन्होंने इसे उत्तराखंड की राजनीति के लिए गलत बताते हुए इसे ब्लैकमेल करने वाला बताया। मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि उत्तराखंड सरकार को गिराने के लिए केंद्र सरकार और भाजपा ने अमित शाह के नेतृत्व में प्रयास किए।
उन्होंने इस मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम लेकर उन पर भी अप्रत्यक्षतौर पर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि यदि उनकी सरकार पर आरोप लगाए गए तो वे मीडिया से माफी मांगेंगे। उन्होंने इस मामले में अधिक कुछ भी कहने से इन्कार कर दिया। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री हरीश रावत को लेकर एक स्टिंग आॅपरेशन सामने आया था। इस वीडियो में विधायकों को खरीदने के लिए करीब 15 लाख रूपए लिए जाने के आरोप भी लगाए गए थे।