काठमांडू : नेपाल में इन दिनों लोग जिंदगी तलाशते नज़र आ रहे हैं। बीते समय आए विनाशकारी भूकंप में अपनों को खो देने के बाद कोई अभी भी मलबे के नीचे दबे अपने परिजन की खोज में लगा है तो दूसरी ओर परिजन के मिलने पर लोग बिलख रहे हैं। पशुपतिनाथ घाट पर वेदियों पर राख और उड़ता हुआ धुंआ नज़र आ रहा है। कुछ शव तो ऐसे होते हैं जिन्हें नीचे की ओर रखकर ही उनका अंतिम संस्कार किया जा रहा है।
यहां बड़ी तादाद में आने वाले शवों की अंतिम क्रिया के लिए सरकार ने लकडि़यों को मुफ्त में उपलब्ध करवाए जाने का निर्णय लिया है। इन दिनों नेपाल का पशुपति नाथ घाट अंतिम संस्कार के लिए आने वाले लोगों से पटा हुआ है। बड़े पैमाने पर लोग अपने प्रियजन का शव लेकर पहुंच रहे हैं। विधि - विधान से लोग शव का अंतिम संस्कार कर रहे हैं।
मिली जानकारी के अनुसार आम दिनों में हर रोज़ यहां लगभग 30 शवों का अंतिम संस्कार किया जाता है मगर अब यहां शवों को अंतिम संस्कार के लिए लाए जाने का सिलसिला बढ़ता जा रहा है। यहां लकडि़यां बेचने का काम करने वाले द टिंबर काॅपरेशन आॅफ नेपाल ने लकडि़यां मुफ्त में देने का निर्णय लिया है। पहले काॅपरेशन अंतिम संस्कार के लिए लकडि़यों को 10 रूपए प्रति किलोग्राम की दर पर उपलब्ध करवाता था। यह एक सरकारी उपक्रम है।
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