इंदौर : भारत में लगातार कलाकारों द्वारा सरकारी पुरस्कार लौटाने के सिलसिले की मशहूर लेखक चेतन भगत ने जमकर आलोचना की और कहा कि आज देश में संकट की ऐसी कोई स्थिति नहीं आई है, जिसकी वजह से सम्मान वापस कर दिए जायें. चेतन भगत ने नवंबर में प्रस्तावित ‘इंदौर लिटरेचर फेस्टिवल' के मद्देनजर आयोजित एक कार्यक्रम में कहा, "इस समय भारत में जरूर कुछ समस्याएं हैं. लेकिन इस समय देश में संकट की ऐसी कोई स्थिति नहीं है जिसके चलते कलाकारों को सरकारी सम्मान लौटाने पडें.
चेतन ने कहा, "मुझे पुरस्कार लौटाने का यह सिलसिला बिल्कुल अच्छा नहीं लग रहा है. हमारे देश में अभिव्यक्ति की पूरी आजादी है. यह बात बोलने के लिए मुझे किसी ने कुछ नहीं कहा है. अगर देश में इसी तरह सरकारी सम्मान लौटने का सिलसिला जारी रहता हैं, तो विदेशी मीडिया को हमें असहिष्णु करार देने का मौका मिल जाता है." 41 वर्षीय लेखक भगत ने कहा, "अगर आप किसी सरकारी सम्मान को प्यार से स्वीकार कर लेते है तो उसे लौटा कैसे सकते है. कोई भी सरकारी सम्मान सरकार द्वारा नहीं दिया जाता है, बल्कि निर्णायक मंडल द्वारा दिया जाता है." चेतन ने कहा, "इन दिनों हिन्दी वाले लोग भारत चला रहे हैं. विशेषाधिकार प्राप्त लोगों को यह बात रास नहीं आ रही है."
उन्होंने मस्ती के अंदाज में कहा, "अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह और अन्य नेता दून स्कूल में पढे होते, उनकी विदेशी प्रेमिका होती और वे विदेशी लहजे में अंग्रेजी बोलते, तो ये लोग विशेषाधिकार वाला तबका इनके खिलाफ कुछ भी नहीं कहते". चेतन भगत सोशल मीडिया पर सक्रिय लेखक है, उन्होंने कहा की, ऐसे कलाकार भले ही अपने 500 अवॉर्ड वापस कर दें, इनके लिये मेरे 5 ट्वीट ही काफी हैं."