हो अँधेरी रात चाहे जितनी भी बीत जाती है
हो अँधेरी रात चाहे जितनी भी बीत जाती है
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हो अँधेरी रात चाहे जितनी भी बीत जाती है

अगर हौसला है दिल में तो रूठी किस्मत भी संवर जाती है

तैयार रह बढ़ने को हरदम मेरे दोस्त

देख सुबह की पहली किरण तुझे बुलाती है. सुप्रभात

 
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