'8वीं के बाद लड़कियों को लड़कों के साथ ना पढ़ाया जाए...', बोले जमीयत प्रमुख मदनी
'8वीं के बाद लड़कियों को लड़कों के साथ ना पढ़ाया जाए...', बोले जमीयत प्रमुख मदनी
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लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में जमीयत उलेमा की बृहस्पतिवार को बड़ी बैठक हुई जिसमें 37 जिलों से हजारों की संख्या में उलेमा के सदस्यों ने शिरकत की। इस बैठक में जमीयत उलेमा-ए-हिंद प्रमुख मौलाना सैयद अरशद मदनी भी सम्मिलित हुए। मदनी ने अपने संबोधन के चलते मुस्लिम कौम से कई प्रकार की अपील की तथा कहा कि मुस्लिम समाज के सुधार के लिए संघर्ष करना इस वक़्त की सबसे अहम आवश्यकता है। मदनी ने कहा कि हर इकाई अपने दायरे में रहकर समाज सुधार कार्यक्रम को एक आंदोलन के माध्यम से अपने लोगों तक पहुंचाए। 

मौलाना अरशद मदनी ने कहा, 'साम्प्रदायिकता ने अतीत में देश को नुकसान पहुंचाया है तथा उसकी बर्बादी आज भी हमारे सामने हैं और ऐसे में इसका प्रत्येक स्तर पर विरोध किया जाना चाहिए। साथ ही किसी भी वर्ग द्वारा फैलाये गये साम्प्रदायिकता का बिल्कुल भी समर्थन मुसलमानों को नहीं करना चाहिए। अगर साम्प्रदायिक तत्व मुसलमान को शिकार बनाते हैं तो जितना हो सके अपनी भावनाओं पर नियंत्रण रखें तथा सभी मुसलमानों को सलाह दें कि,वे अपनी भावनाओं पर नियंत्रण रखें क्योंकि सत्ता को प्राप्त करने के लिए लोग माहौल को खराब करते है। साम्प्रदायिक शक्तियों द्वारा नफरत के नारे देना देश की मुखालफत है। अंग्रेजों ने देश का विभाजन किया तथा उस वक़्त के मुसलमानो को भड़काया मगर जमीयत उलेमा उन मुसलमानों को सच्चा मुसलमान नहीं मानती तथा उनसे अलग है। '

आगे मदनी ने कहा कि मुस्लिम शिक्षण संस्थाओं की स्थापना की जाए, जिनमें नर्सरी से मिडिल तथा हाईस्कूल तक इस्लामी माहौल में शिक्षा दी जाए और ऐसी शिक्षा को जमीयत से जुड़े उलेमा विशेष रूप से ध्यान दें तथा अपनी देखरेख में ही आधुनिक शिक्षण संस्थाओं की स्थापना कराएं। मदनी ने आगे यह भी कहा कि, 'देश की वर्तमान स्थिति में विशेष रूप से मुस्लिम लड़कियों के लिए आठवीं कक्षा के पश्चात् अलग शिक्षण संस्थान स्थापित किए जाए, जिससे लड़कियां बुरे प्रभाव से सुरक्षित रह सके क्योंकि लड़कियों को धर्मांतरण का शिकार बनाया जा रहा है तथा उनका धर्मांतरण कराया जा रहा है। इसको रोकना वक़्त की जरुरत है तथा इस घिनौनी हरकत के कारण खानदान के खानदान बर्बाद हो रहे है और इसीलिए हर मुस्लिम आबादी में इस तरह के संस्थान की स्थापित करना बहुत जरूरी है जिससे दीन ईमान से धर्म की रक्षा हो सके।'

अरेबिया मदरसों से अपील करते हुए मौलाना मदनी ने कहा कि, वे सरकारी नियमों के मुताबिक संस्थान चलाएं किसी ट्रस्ट या सोसायटी द्वारा पंजीकरण कराकर मदरसे को कानूनी रूप से मजबूत किया जाए जिससे शिक्षा विभाग से मनीटा (शैक्षिक अनुमोदन) और सुविधाएं प्राप्त हो सके। वहीं चुनाव से संबंधित मुद्दों पर भी मदनी ने अपना पक्ष रखा और कहा, 'चुनाव से पहले वोट जागरूकता अभियानों के जरिए मुस्लिम पुरुषों एवं महिलाओं को मतदान के महत्व के बारे में जागरुक किया जाए तथा नए मतदाता के नाम मतदाता सूची में दर्ज करवाया जाए तथा फिर चुनाव के दिन उन्हें सही मार्गदर्शन देकर वोट डलवाया जाए जिससे मनमुताबिक सरकार चुन सकें। देश के बदलते परिदृश्य में मुसलमानों के लिए आत्मनिर्भर होना बहुत आवश्यक हो गया है, मुसलमान खुद आत्म निर्भर बनें और किसी के सहारे न रहें।' 

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