कश्मीर के हालात नियंत्रित नहीं हुए तो हो जाऐंगे 1947 जैसे हालात
कश्मीर के हालात नियंत्रित नहीं हुए तो हो जाऐंगे 1947 जैसे हालात
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नई दिल्ली : पूर्व केंद्रीय मंत्री गुलाम नबी आजाद ने कश्मीर की स्थितियों पर अपनी ओर से टिप्पणी की। इस दौरान उन्होंने कहा कि 50 दिन का समय शेष है मगर फिर भी कर्फ्यू 24 घंटे तक लागू कर दिया गया है। इस दौरान पैट्रोलियम पदार्थों की आपूर्ति नहीं हो रही है। ऐसे में कश्मीर में परेशानियां व्यक्ति की कमर तोड़ने में लगी है। उनका कहना था कि इस तरह की स्थितियों को नियंत्रित नहीं किया गया तो वर्ष 1947 में जो विभाजन हुआ था बस वैसी हालत हो सकती है।

उन्होंने केंद्र सरकार पर इस मामले में कुछ भी न करने का आरोप लगाया। इतना ही नहीं वर्ष 1947 में जो बंटवारा दिखाई देता है उसके परिणाम बड़े बुरे थे। अब फिर बांटने की राजनीति हो रही है। यदि इस तरह के राजनीतिक हालातों को नियंत्रित नहीं किया गया तो वर्ष 1947 जैसे हालात हो सकते हैं। पूर्व केंद्रीय मंत्री के बयानों के बाद केंद्रीय गृह मंत्री ने अपनी बात कही। दरअसल गुलाम नबी आज़ाद तेलंगाना में युवाओं द्वारा लगाई गई प्रदर्शनी में शामिल हुए थे।

जिसमें उन्होंने केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह के ट्वीट के बारे में टिप्पणी की। दरअसल उन्होंने कहा कि गृहमंत्री जम्मू - कश्मीर गए और वहां उन्हों ने ट्वीट किया कि मैं नेहरू गेस्ट हाउस में रूका। कश्मीर जाकर भी वे कह रहे हैं कि हम बुलाऐंगे मगर वे किसी को यह नहीं कह रहे कि हमसे आकर मिलिए।

उन्होंने अपील की कि हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई सभी देश को देश से जोड़ें। सभी को सद्भाव के लिए कार्य करना चाहिए। उनका कहना था कि किससे बात करना है और किससे नहीं यह तो देश के प्रधानमंत्री, राज्य की सरकार को ही तय करना है। हालांकि हम उनका साथ देंगे मगर यदि हमने कुछ कहा तो वे उनका विरोध प्रारंभ कर देंगे।

जिन बच्चों के हाथ में कलम हो, उन्हें पत्थर फैंकने की अनुमति कौन देता है ?

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