सहरसा : गफलत में पाकिस्तान पहुंचने के बाद करीब पंद्रह वर्ष वहां बीताने वाली गीता को भारत लाने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। इस दौरान उसके परिवार की पहचान भी हो गई है। बिहार के ग्रामीण गीता की वापसी की बातें सुनकर बेहद खुश हैं इस मामले में यह बात भी सामने आई है कि सहरसा जिले के सिमरी गांव में गीता रहा करती थी। ग्रामीणों द्वारा यह खुलासा किया गया है कि उसका पति और एक बच्चा भी है। परिजन ने दावा किया कि उसका असली नाम हीरामणि है। पाकिस्तान पहुंचने के बाद उसे गीता नाम सामाजिक कार्यकर्ता बिलकिस ईदी द्वारा दिया गया।
हाल ही में गीता के परिवार की पहचान हो गई है। जिसके बाद यह बात सामने आई है कि ग्रामीण उसके लौटने का इंतजार कर रहे हैं। गीता के वापस मिलने की सभी को खुशी है। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा कि डीएनए टेस्ट के बाद ही गीता को उसके परिवार को सौंपा जाएगा। इस मामले में ग्रामीणों का मत है कि गीता के पिता जयनंदन महतो हैं उसकी मां का नाम शांति देवी है। जनार्दन पजाब में मजदूरी करता था।
गीता मेला घूमने पंजाब गई थी। बताया जाता है कि वह पंजाब के करतारपुर से लापता हो गई थी। 12 वर्ष की आयु में उसका विवाह उमेश महतो से हो गया था। वह उसी के गांव का रहने वाला था। वह पाकिस्तान पहुंची तो वहां के एक एनजीओ ईदी फाउंडेशन पहुंची। इस दौरान यह बात सामने आई कि बिलकिस ईदी के इस एनजीओ द्वारा गीता की खासी मदद की गई।