माला फेरे लेकिन न खांसे और न खुजाएं
माला फेरे लेकिन न खांसे और न खुजाएं
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माला फेरने से ईश्वर की कृपा प्राप्त होती है और यही कारण रहता है कि पूजन के वक्त अधिकांश श्रद्धालु माला फेरते है या जपते है। माला फेरते वक्त यदि कुछ बातों का विशेष तौर पर ध्यान रखा जाये तो निश्चित ही माला फेरने का और अधिक शुभ फल प्राप्त हो सकता है। माला फेरते वक्त न तो खांसना चाहिये और न ही छींके और न ही अपने शरीर के किसी भाग को खुजाना चाहिये।

ऐसा करना शास्त्रोक्त रूप से अनुचित माना गया है। इसके अलावा माला के मनकों पर नाखून भी न लगाये तथा इस बात का भी ध्यान रखा जाये कि माला फेरते समय अपने को हिलाये डुलाये भी बिल्कुल नहीं। माला को अंगूठे से ही फेरना शास्त्रोक्त रूप से उचित माना गया है, इसलिये उंगलियों का इस्तेमाल माला फेरने के वक्त नहीं किया जाये। माला जपते या फेरते समय उसे धरती पर तो बिल्कुल न गिरने देवें।

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