हाईटेक तरीके से नकल करेने वाला गिरोह गिरफ्तार
हाईटेक तरीके से नकल करेने वाला गिरोह गिरफ्तार
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उदयपुर : प्रदेश में रविवार को हुई कनिष्ठ लेखाकार की परीक्षा में नकल करने वाले एक गिरोह का उदयपुर पुलिस ने पर्दाफाश किया. उदयपुर पुलिस की सूचना पर पूरे प्रदेश में 1 दर्जन से अधिक आरोपियों को गिरफ्तार किया गया. ये लोग उपकरणों की सहायता से हाईटेक तरीकों से नक़ल करते थे पुलिस ने ये उपकरण भी बरामद किए है. मामले में उदयपुर पुलिस ने 3 और पाली में दो, राजसमंद में 2, उदयपुर में 1 और बाड़मेर में 6 लोगों को गिरफ्तार किया है. जिला पुलिस अधीक्षक राजेन्द्र प्रसाद गोयल ने बताया कि नेशनल हाईवे 27 पर जगलिया मउड़ी मोड़ पर नाकाबंदी चल रही थी, यहीं उदयपुर से आ रही बिना नंबर की कार को शंका के आधार पर रोककर सवार युवकों से पूछताछ की तो पूछताछ पर चालक ने अपने नाम भाटिपा जालौर निवासी भागीरथ विश्नोई पुत्र मोहनराम विश्नोई बताया और कहा कि वह अपने दोस्त बाबूलाल पुत्र गंगाराम जाट के साथ लेखाकार परीक्षा देने पाली जा रहा है. लेकिन शंका होने पर पुलिस ने दोनों को पकड़ा और तलाशी ली तो कार में एक मोबाईल डिवाईस लगी बनियाननुमा जेकेट, माइक्रो ब्लुटुथ, माइक्रो सेल तथा परीक्षा का प्रवेश पत्र मिला. इसकी जानकारी पुलिस ने उच्चाधिकारियों को दी. जिस पर रात्रि को ही अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक मुख्यालय हनुमानप्रसाद मीणा भी थाने पहुंचे और आरोपियों से पूछताछ की.

आरोपियों ने बताया कि इन उपकरणों के माध्यम से वे परीक्षा में नकल करने वाले थे. यह डिवाईस उन्हें रानीवाड़ा जालोर हॉल उदयपुर STC का प्रशिक्षण ले रहे जगदीश विश्नोई से 20 हजार रूपये में मिली. सूचना मिली तो आरोपी जगदीश विश्नोई फरार हो गया. सुबह परीक्षा शुरू होते ही अन्य नकलचियों ने अपने डिवाईस एक्टिव कर लिए तो पुलिस ने टॉवर लोकेशन निकाली और पता चला कि राज्य भर में हो रही इस परीक्षा में नकल का खेल बाड़मेर के गुडामलानी स्थित एक फार्म हाउस से चल रहा है. इसकी जानकारी तुरंत बाड़मेर पुलिस को दी गई जिसके बाद कार्यवाही करते हुए गुडामालनी में एक फार्म हाउस पर छापा मारा और छ: लोगों को गिरफ्तार कर इस गिरोह के सरगना को गिरफ्तार कर लिया.

ADM सिटी बुनकर ने बताया कि बाड़मेर के गुडामलानी स्थित फार्म हाउस से नकल करवाने वाले सरगना इस तरह के जैकेट का 2 से 4.50 लाख रूपए लेता है. इसके लिए कुछ पैसा पहले एडवांस दिया जाता है. इसके बाद यह जैकेट उपलब्ध करवाया जाता है. इसकी मदद से जैसे ही पेपर परीक्षार्थी के सामने आता है तो अपने आप ही ग्रुप कालिंग एक्टिव हो जाती है. किसी भी एक परीक्षार्थी को केवल प्रश्नपत्र में से प्रश्न पढ़कर सुनाना होता है. बाड़मेर में बैठे सरगना इसे कुछ ही क्षणों में हल कर बताते हैं. जितने भी लोगों के पास यह डिवाईस होता है, उन सभी के पास जवाब पहुंच जाता है. इस तरह से नकल का खेल चल रहा था.

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