श्रीनगर : आखिरकार भारत के रणबांकुरे ने अपने अदम्य साहस और वीरता का परिचय देते हुए पाकिस्तान की गोलीबारी को नाकाम कर दिया। इस दौरान इस शहीद ने 11 दिन में 10 जवानों को अपनी रायफल के नाम किया और फिर हंसते-हंसते देशवासियों से अलविदा किया। रण में वीरता दिखाने वाली दास्तां है भारतीय सेना के स्पेशल फोर्सेज़ के कमांडो लांस नायक मोहन नाथ गोस्वामी की। जी हां। मोहननाथ ने न केवल इन आतंकियों को गोलियों से भून दिया बल्कि आतंकी सज्जाद को जिंदा पकड़ने में भी अपने साथियों की सहायता की।
रक्षा मंत्रालय की ओर से बयान जारी कर उनकी हौसला अफजाई की जा चुकी है, जिसमें कहा गया कि लांस नायक मोहन गोस्वामी द्वारा जान देने से पूर्व 11 दिन में 10 आतंकियों का सफाया कर उन्होंने इतिहास रच दिया। जब इस वीर शहीद की अंतिम यात्रा निकाली गई तो सैकडों लोग शवयात्रा में शामिल हुए। इस दौरान पाकिस्तान विरोधी नारेबाजी भी की गई। गोस्वामी द्वारा कहा गया है कि वर्ष 2002 में सेना के पैराकमांडोज़ दल में शामिल होने से पहले उन्होंने अपने दल के सबसे टफ कमांडो होने का दर्जा हासिल कर लिया था।