फ्रांस: मायोकार्डाइटिस, दिल की एक दुर्लभ बिमारी के कारण फ्रांस पांचवें यूरोपीय देश बन गया है, जिसने अपने देश के वयस्कों को मॉडेर्ना वैक्सीन न लेने की सलह दी है । डेली मेल के मुताबिक, देश के पब्लिक हेल्थ अथॉरिटी (हाउट ऑटोराइट डी संते) ने सिफारिश की थी कि 30 से कम उम्र के लोगों को मॉडर्नका वैक्सीन की जगह फाइजर-बायोनटेक कोविड वैक्सीन मिले ।
डेनमार्क, आइसलैंड, फिनलैंड और स्वीडन ने अपने देश के युवा वयस्कों में मॉडर्ना वैक्सीन को प्रतिबंधित किया था। यूरोप में वैक्सीन के दुष्प्रभाव की चिंताओं के बावजूद, अमेरिकी खाद्य एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) शॉट्स को मंजूरी जारी रखा है ।
हाउत ऑटोरिटे डी संटे ने कहा है, "मॉडेर्ना की वैक्सीन का दुष्प्रभाव 30 साल से ज़्यादा के उम्र के लोगो में लगभग पांच गुना कम प्रतीत होता है,स्वास्थ्य विभाग के पास दवाओं के इस्तेमाल पर रोक लगाने का अधिकार नहीं है, वह सिर्फ सलाह दे सकता है।
स्वीडन की सार्वजनिक स्वास्थ्य एजेंसी के अनुसार, डेटा "दिल की मांसपेशियों या पेरिकार्डियम की सूजन जैसे दुष्प्रभावों का बढ़ा हुआ जोखिम इस वैक्सीन के दुष्प्रभाव की और इंगित करता है । स्वीडन अक्टूबर में 1990 के बाद पैदा हुए लोगों में मॉडर्ना की कोरोना वैक्सीन के इस्तेमाल को रोकने वाला पहला देश बन गया है ।