लखनऊ: कोरोना महामारी ने देश के कई वर्गो को अत्यधिक प्रभावित कर रखा है. वही इस बीच COVID-19 वायरस के बढ़ते प्रकोप की रोकथाम करने को लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ बहुत सीरियस हैं. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसके लिए मंत्रियों तथा सीनियर आइएएस अधिकारीयों की टीम-11 बना ली है. प्रतिदिन लखनऊ में समीक्षा करने के साथ-साथ जब भी अवसर प्राप्त होता है, शहरों में भी दौरा करके हॉस्पिटलों और हेल्थ डिपार्टमेंट के कोरोना सेंटर का भी मुआयना लेते हैं.
सीएम दफ्तर की तरफ से इंटीग्रेटेड कंट्रोल एंड कमांड सेंटर के संचालन को लेकर निरिक्षण किया गया था. इसमें केंद्रों के संचालन में चूक होने के पश्चात् सीएम योगी आदित्यनाथ ने नाराजगी व्यक्त की है. इसके पश्चात् भी अधिकारी बहुत लापरवाह हैं. ऐसे ही बहुत लापरवाहों पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ काफी कठोर हो गए हैं, तथा सभी को नोटिस भेजकर जवाब मांगा है.
यूपी में COVID-19 वायरस के बढ़ते प्रसार पर प्रभावी रोकथाम के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी 75 शहरों में आइएएस अफसरों को नोडल अफसर बनाकर लखनऊ से भेजा है. यह सभी शहरों में COVID-19 कमांड सेंटर से कोविड के असर का मुआयना लेने के साथ कलेक्टरो को सचेत भी करते हैं. इसके लिए शहर में COVID-19 कमांड कार्यालय बनाया गया है. जिसकी रिपोर्टिंग लखनऊ में मुख्यमंत्री दफ्तर को है. सभी डीएम को इस कार्यालय के लिए बहुत एक्टिव रहना होता है, किन्तु असलियत बहुत अलग है. वही शनिवार और रविवार को लखनऊ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शहरों के कोरोना कमांड ऑफिस की सक्रियता जांची. इसके चलते मुख्यमंत्री कार्यालय से जिलों के कमांड सेंटर को फ़ोन किया गया. जिसके प्रभारी कलेक्टर होते हैं. इसमें भी COVID-19 कमांड केंद्र के फोन गलत प्राप्त हुए, इसके साथ-साथ जहां पर नंबर ठीक मिला, वहां तो नोडल अफसर ही गायब मिले. वही अब सीएम योगी इस मामले को लेकर बेहद सख्त हो गए है.
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