HC के आदेश की भी किसानों ने की अवेलहना, ट्रैक्टर-ट्रॉली के इस्तेमाल से रोकने पर ये मशीनें लेकर पहुँचे
HC के आदेश की भी किसानों ने की अवेलहना, ट्रैक्टर-ट्रॉली के इस्तेमाल से रोकने पर ये मशीनें लेकर पहुँचे
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नई दिल्ली: किसानों का दूसरा आंदोलन एवं उग्र होता जा रहा है। किसान मिट्टी खोदने वाली मशीनें लेकर पंजाब-हरियाणा की बॉर्डर पर पहुँच गए हैं। हरियाणा पुलिस ने कहा है कि ये मशीनें किसान हटाएँ, नहीं तो कार्रवाई की जाएगी। किसानों ने एक बार फिर से अपना ‘दिल्ली चलो’ मार्च आरम्भ करने का फैसला लिया है। बता दें कि इन मशीनों के उपयोग से पंजाब-हरियाणा सीमा पर तैनात सुरक्षाकर्मियों को हानि पहुँच सकती है। किसान पोकलेन एवं JCB लेकर प्रदर्शन स्थल पर डटे हुए हैं।

वही इन मशीनों के मालिकों से पुलिस ने बताया है कि वो ये मशीनें किसान प्रदर्शनकारियों को उपलब्ध न कराएँ। साथ ही उन्हें प्रदर्शन स्थल से हटाने के लिए भी बोला गया है। इसे गैर-जमानती अपराध बताते हुए बताया गया है कि इन मशीनों का उपयोग कर के सुरक्षा बलों को नुकसान पहुँचाए जाने की आशंका है, ऐसे में इनके मालिक आपराधिक तौर पर जिम्मेदार ठहराए जा सकते हैं। MSP (न्यूनतम समर्थन मूल्य) पर किसान संगठनों ने केंद्र सरकार का प्रस्ताव भी ख़ारिज कर दिया है। बात न माने जाने पर हरियाणा पुलिस इन बुलडोजरों एवं मिट्टी खोदने वाली मशीनों को बरामद करेगी। हरियाणा के पुलिस महानिदेशक (DGP) शत्रुजीत कपूर ने बताया कि ऐसे उपकरण सुरक्षा के लिए खतरा उत्पन्न कर सकते हैं। 13 फरवरी को ‘किसान आंदोलन 2.0’ आरम्भ हुआ था। पंजाब-हरियाणा के शम्भू एवं खनौरी बॉर्डर पर ये किसान डटे हुए हैं। हरियाणा बॉर्डर पर ही उन्हें रोक कर रखा गया है। 3 केंद्रीय मंत्रियों की समिति 4 दौर की चर्चा किसान संगठनों के साथ कर चुकी है।

दूसरी तरफ पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने कहा है कि हाइवे पर ट्रैक्टर-ट्रॉली का उपयोग नहीं किया जा सकता। मोटर व्हीकल एक्ट का हवाला देते हुए उच्च न्यायालय ने कहा कि किसान अमृतसर से दिल्ली ट्रैक्टर-ट्रॉली लेकर निकले हुए हैं, जो गैर-कानूनी है। मुख्य न्यायाधीश GS संधावालिया एवं जस्टिस लपिता बनर्जी की पीठ ने कहा कि सबको अपने अधिकार पता हैं, किन्तु कुछ संवैधानिक कर्तव्य भी होते हैं। उच्च न्यायालय ने पंजाब सरकार से पूछा कि उसने किसानों के इतने बड़े विरोध प्रदर्शन को इजाजत कैसे दी। पंचकूला स्थित ‘अमरावती एन्क्लेव’ के रहने वाले वकील उदय प्रताप सिंह ने इस सिलसिले में जनहित याचिका (PIL) दायर की थी। उन्होंने बताया था कि कैसे किसानों द्वारा सड़क जाम करने से एम्बुलेंसों, स्कूली बसों एवं प्रतिदिन आवाजाही करने वाले लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। जहाँ एक ओर किसान उग्र रूप अख्तियार किए हुए हैं, वहीं दूसरी ओर मीडिया में उनके नेता शांति की बातें कर रहे हैं। ‘पंजाब हरियाणा किसान मजदूर संघ’ के अध्यक्ष सरवन सिंह पंधेर ने किसानों से कहा कि वो शांतिपूर्वक दिल्ली कूच करें।

शम्भू बॉर्डर पर मीडिया से चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि ये पीएम की भी जिम्मेदारी है कि वो हमें सुनें। उन्होंने दावा किया कि उनलोगों ने भी देश का पीएम बनाने के लिए वोट दिया है, देश सबका है और प्रधानमंत्री सबके हैं, ऐसे में उन्हें आकर हालात को सँभालना चाहिए तथा उनकी माँगों को पूरा करना चाहिए। उन्होंने कहा कि डेढ़-दो लाख करोड़ रुपए बड़ी रकम नहीं है, फैसला केंद्र को लेना है। उन्होंने पीएम से अपील की कि वो इस गतिरोध को समाप्त करें तथा लोकतान्त्रिक तरीके से प्रदर्शन करने दें।

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