ब्रसेल्स: हर दिन अपने पांव पसारता जा रहा कोरोना वायरस आज लोगों के लिए बढ़ी आफत बन चुका है. यह एक महामारी का रूप लेता जा रहा है, वहीं इस वायरस की मार इस कदर तेज होती जा रही है कि लोगों की जान बचाना डॉक्टरों के लिए मुश्किल होता जा रहा है. हर दिन कोरोना वायरस की चपेट में आने से कई हजार मौतें हो रही है, जंहा डॉक्टरों के अथक प्रयास के बाद भी कई जाने बच जाती है तो कई मौत का शिकार बन जाती है. इतना ही नहीं मरीजों की जान इस वायरस से बचाते- बचाते कई डॉक्टर्स की जान भी जा चुकी है.
हाल ही में यूरोपीय यूनियन ने रोमानिया और नार्वे से डॉक्टरों और नर्सो की टीम को मिलान और बरगामो भेजा है. यह लोग कोरोना वायरस से लड़ने में मदद के लिए इटली के मेडिकल स्टाफ की मदद करेंगे. बता दें कि यूरोप में महामारी से सबसे ज्यादा इटली प्रभावित है. अभी तक यहां 17,127 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि संक्रमित लोगों की संख्या 1,35,586 हो गई है. ईयू (european union) की ओर से मंगलवार को जारी बयान में कहा गया है कि यूरोपीय यूनियन के सिविल प्रोटेक्शन मेकैनिज्म के जरिये इस मेडिकल टीम को तैनात किया गया है. ऑस्टि्रया ने भी इटली की मदद के लिए मेकैनिज्म के जरिये 3000 लीटर से अधिक डिसइंफैक्टेंट (कीटाणुनाशक) देने का प्रस्ताव दिया है.
इटली ने सैटेलाइट सिस्टम को किया सक्रिय : मिली जानकारी के अनुसार यूरोपीय कमीशन की अध्यक्ष उर्सुला वोन डेर ने बयान जारी कर कहा, 'इटली में अपने सहकर्मियों की मदद के लिए घर छोड़कर आए नर्स और डॉक्टर यूरोपीय यूनियन की एकजुटता को दर्शाते हैं. ईयू के सदस्य देश इटली और अन्य प्रभावित देशों की मदद के लिए हरसंभव मदद का प्रयास कर रहे हैं.' सार्वजनिक स्थानों और स्वास्थ्य सुविधाओं पर निगरानी रखने के लिए ईयू के कॉपरनिकस सैटेलाइट सिस्टम को भी इटली ने सक्रिय कर दिया है. इससे पहले चीन ने इटली को दो लाख सर्जिकल मास्क, दो लाख एन-95 मास्क और 50000 टेंस्टिंग किट दिए है.
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