नई दिल्ली : एनकाउंटर स्पेशलिस्ट दया नायक को गुरुवार को सस्पेंड कर दिया गया है. सस्पेंड किए जाने की वजह के बारे में ज्ञात हुआ है कि नायक ने परिवार की सुरक्षा’ संबंधी चिंता को लेकर नागपुर में अपनी नई तैनाती पर जाने से इनकार किया था. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘उनका पिछले साल नागपुर तबादला कर दिया गया था. उन्होंने महाराष्ट्र सरकार और साथ ही राज्य पुलिस महानिदेशक से कहा कि उनकी जान को खतरा है. उन्होंने इस बात की भी आशंका जताई थी कि उन्हें मारा जा सकता है.’
80 से ज्यादा लोगों का एनकाउंटर कर चुके हैं नायक : उन्होंने कहा, ‘हालांकि न तो राज्य सरकार और न ही पुलिस के शीर्ष नेतृत्व ने उनकी मांग पर और इस बात पर ध्यान दिया कि दया और उनका परिवार 9 साल 1997 से 2006 तक सुरक्षा घेरे में था. अधिकारी ने कहा, मुठभेड़ों में 80 से ज्यादा लोगों को मार चुके दया नायक का मानना था कि सरकार के सुरक्षा घेरा वापस लेने से (नई तैनाती पर जाकर वह खुद को और अपने परिवार को अपने ‘दुश्मनों’ के आसान निशाने पर ला देंगे.
खुफिया एजेंसियों की रिपोर्ट से वाकिफ थे नायक : उन्होंने बताया, दया ने साथ ही कहा था कि पिछले कुछ सालों में उन्हें अलग थलग करने और खत्म करने की कोशिश हुई. वह अपने और अपने परिवार के जीवन पर खतरों को लेकर केंद्रीय खुफिया एजेंसियों की रिपोर्ट से वाकिफ थे. अधिकारी ने बताया, गत वर्ष तबादले के आदेश के बावजूद, दया नायक नयी तैनाती पर नहीं गए क्योंकि उन्हें लगा कि अपने परिवार की हिफाजत करना उनकी प्राथमिकता है.
नायक को मिला कारण बताओ नोटिस : अधिकारी ने बताया कि नायक को लगा कि गुरुवार को निलंबन का आदेश जारी करते समय उचित प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया. नागपुर में तैनाती पर ना जाने के पीछे क्या वजह थी, उसे बताने के लिए उन्हें कोई 'कारण बताओ नोटिस' जारी नहीं किया गया.