इक पल गमों का दरिया -जावेद अख़्तर
इक पल गमों का दरिया -जावेद अख़्तर
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इक पल गमों का दरिया....
इक पल गमों का दरिया, इक पल खुशी का दरिया
रूकता नहीं कभी भी, ये ज़िन्‍दगी का दरिया

आँखें थीं वो किसी की, या ख़्वाब की ज़ंजीरे
आवाज़ थी किसी की, या रागिनी का दरिया

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