ऑफिस का तनाव दूर करने के लिए आसान उपाय
ऑफिस का तनाव दूर करने के लिए आसान उपाय
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भाग-दौड़ भरी इस दुनिया में हम ख़ुद को उपेक्षित महसूस करते हैं? या फिर व्याकुल महसूस करते हैं? या फिर नाख़ुश हैं? दरअसल कामकाजी दिनों में ज़्यादातर लोग ऐसा ही महसूस करते हैं। हम नॉर्मल तरीको से जिन मानो भूल चुके हैं। वर्तमान में जिस तेजी के साथ कारोबार की यह दुनिया बढ़ रही है, इसके बाद भी आप जीवन को नियंत्रित कर सकते हैं और खुद की परेशानियों को कुछ कम कर सकते हैं। इसके लिए एक्सपर्ट्स की सलाह हम आपको बताते हैं। एक्सपर्ट्स राय के मुताबिक अपने कामकाजी और निजी जीवन में सुंतलन स्थापित करने में होने वाली परेशानी का सामना हम सबको करना पड़ता है। हम अपनी मुश्किलों का हल कहीं बाहर जैसे सॉफ्टवेयर, मोबाइल ऐप में और टाइम मैनेजमेंट सिस्टम इत्यादि में ढूंढ़ते हैं।

नीचे लिखे कुछ तरीकों से इससे बचा जा सकता है -

1. वर्तमान चुनौतियों को समझने की कोशिश करे- जो लोग जल्दबाज़ी में होते हैं, वह भविष्य को नहीं देख पाते हैं। पहले जानें कि कोई काम कितना जरुरी है। अपने रोजमर्रा की आदतों को चुनौती दें। सोचें क्या आपको इस मुलाकात की जरूरत है? क्या आपको वाकई वो रिपोर्ट तैयार करने की जरूरत है? क्या उस ईमेल का जवाब देना जरूरी है? ज्यादातर मामलों में इसकी कोई जरूरत नहीं होती। लेकिन आप ऐसा करते इसलिए हैं क्योंकि आप अब तक उसे करते आए हैं। ऐसे कामों को कम करें। जब आप यह करेंगे तो तो आपके पास दूसरी चीजों को प्रभावी तरीके से करने के लिए ज़्यादा वक्त होगा।

2. जरूरी काम को सबसे पहले करे- आपकी इस महीने की प्राथमिकता क्या है? इस सप्ताह की प्राथमिकता क्या है? आज की प्राथमिकता क्या है? आप ऐसे अपनी चीजों को तय करें और उसके बाद उन्हें पूरा करें। आप कम महत्वपूर्ण काम को क्यों करना चाहेंगे जब ज्यादा महत्वपूर्ण काम आपके सामने है।

3. खुद की अवचेतन सोच को वक्त दें- जब आप मुश्किल चुनौतियों में फंसे हों तो सही फ़ैसले लेने के लिए अपने अवचेतन को वक्त देना जरूरी है। शोध बताते हैं कि जब लोग सोचते हैं, अपने आंकड़ो को चेक करते हैं तब अच्छे फ़ैसले लेते हैं। इसलिए थोड़ा समय टहलें। घर का कोई भी काम करें। एक्सरसाइज़ करें। मतलब कुछ ऐसा करें जब आपका शरीर तो सक्रिय हो लेकिन दिमाग ऑटो पायलट तरीके से काम करें। ऐसे में आप अपनी समस्याओं के खुद के हल से अचरज में पड़ जाएंगे।

4. सीमा निर्धारित करें- कोई भी व्यक्ति अपनी लाइफ में सातों दिन, चौबीसों घंटे काम नहीं कर सकता है। करना भी नहीं चाहिए। लेकिन आपको ऐसा महसूस होता होगा क्योंकि आप ऐसा महसूस करते हैं। कुछ सीमा निर्धारित करें। जिस समय आप काम करना बंद करें उस वक्त अपने परिवार के साथ वक्त बिताएं। कुछ समय तक आप फोन भी नहीं उठाएं। लोगों को आपकी सीमाओं के बारे में मालूम होना चाहिए। अगर आप अपने वक्त की कद्र ख़ुद नहीं करेंगे तो दूसरे भी नहीं करेंगे।

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