नई दिल्ली : इस वर्ष के दौरान भारत में ऑनलाइन बिज़नेस को लेकर बढ़ोतरी देखने को मिली है. इसके साथ ही यह भी देखने को मिला है कि देश में लगातार ई-कॉमर्स का बाजार बढ़ता ही जा रहा है. ई-कॉमर्स के इस बढ़ते हुए बाजार को देखते हुए अंबानी और बिड़ला को भी इस बाजार में कूदने के लिए विवश होना पड़ा है. जबकि साथ ही यह भी देखने को मिल रहा है कि जहाँ एक तरफ इस क्षेत्र की दिग्गज कंपनियां जैसे फ्लिपकार्ट, स्नैपडील आदि काफी पैसा कमाने में लगी हुई है तो वहीँ यह भी देखने को मिल रहा है कि इस क्षेत्र की कमजोर कंपनियां यह क्षेत्र छोड़ रही है.
इसके साथ ही यह भी कहा जा रहा है कि कम्पनियों का यह रुख वर्ष 2016 में भी इसी तरह जारी रह सकता है. गौरतलब है कि अभी हाल ही में फ्यूचर ग्रुप और भारती एंटरप्राइजेज के बीच विलय को लेकर भी सौदे को अंजाम दिया गया है और इसके साथ ही आदित्य बिड़ला समूह के द्वारा भी अपने परिचालन को पुनर्गठित करने का का किया गया है.
जबकि यहाँ बात की जाये विदेशी ब्रांड्स की तो आपको बता दे कि हेन्ज एंड मौरिट्ज, गैप और एयरोपोस्टल के द्वारा इस क्षेत्र में भारत की यात्रा शुरू की गई है जबकि साथ ही जर्मनी की स्पोर्ट्सवियर फर्म एडिडास ग्रुप के द्वारा अगले साल में यहाँ आने की तैयारी की जा रही है. इसके साथ ही यह बात भी सामने आई है कि देश का खुदरा क्षेत्र भी वर्ष 2020 तक 1,300 अरब डॉलर पर पहुंचने का अनुमान लगाया गया है. बता दे कि जहाँ पिछले साल यह कारोबार 560 अरब डॉलर पर देखने को मिला था और अब इस साल में 13 फीसदी की बढ़ोतरी देखने को मिली है.