प्लास्टिक की बोतल में पानी पीने से होती है यह बीमारियां
प्लास्टिक की बोतल में पानी पीने से होती है यह बीमारियां
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अधिकतर लोग पानी पीने के लिए प्लास्टिक की बोतल का इस्तमाल करते है। यदि आप भी उन्हीं लोगों में से एक है तो जान ले की पानी प्लास्टिक की बोतल में पीना कितना खतरनाक हो सकता है। इस बात को जानकर आप कभी प्लास्टिक की बोतल में पानी नहीं पिएंगे ... प्लास्टिक की बोतल कई ऐसे केमिकलो से मिलकर बनाई जाती है जो शरीर को नुकसान पहुँचते है, और यह गर्म होने पर रिसकर पानी में मिल जाते हैं। यह खतरनाक केमिकल सेहत के लिए नुकसानदेही होते हैं। इन बोतलों में पानी पीने से कैंसर, कब्ज और पेट संंबंधी कई बीमारियां होने का खतरा बना रहता है।

कैंसर :- एक शोध में इस बता का पता चला है की प्लास्टिक की बोतल में पानी पीने से या इसके इस्तेमाल से कैंसर हो सकता है। हवाई स्थित कैंसर हॉस्पिटल के डॉक्टर एडवर्ड फुजीमोटो ने प्लास्टिक और कैंसर कई तरह के काफी शोध किया है। उन्होंने निष्कर्ष निकले की प्लास्टिक के बर्तन में खाना गर्म करना और कार में रखे बोतल का पानी पीने से कैंसर होने का खतरा बाद जाता है। उनका कहना है कि गाड़ी में रखी प्लास्टिक की बोतल जब धूप या तापमान के कारण गर्म होती है तो बोतल में मौजूद नुकसानदेह केमिकल डाइऑक्सिन का रिसाव शुरू हो जाता है। यह केमिकल पानी के साथ घुलकर हमारे शरीर को नुकसान पहुँचते है। डाइऑक्सिन केमिकल कोशिकाओं पर बहुत बुरा असर डालता है। महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर का खतरा बढ़ जाता है।

दिमाग की कमजोर :- जब प्‍लास्टिक की बोतल का निर्माण किया जाता है तो उसमे बाइसफेनोल ए का प्रयोग किया जाता है जो दिमाग के कार्यकलाप को प्रभावित करती है। इससे समझने और याद रखने की शक्ति में कमी आने लगती है। कनाडा में किये गए एक शोध में पता चला है की प्लास्टिक कंटेनर बनाने में उपयोग किये जाने वाला बाइसफेनोल ए दिमाग के लिए हानिकारक होता है और इसके सेवन से आगे चलकर अल्जाइमर्स हो सकती है।

कब्‍ज और पेट की बीमारियां :- बाइसफेनोल ए का असर पेट पर भी होता है। BPA नामक रसायन जब पेट में प्रवेश करता है, तो इसका असर पाचन क्रिया पर होने लगता है। इससे खाना पचने में परेशानी होती है और कब्‍ज और पेट में गैस की समस्‍या हो जाती है।

गर्भपात का खतरा :- वह महिलाएं जो बड़ी मुस्किलो से प्रेगनेंट हुई हो तथा जिनका पहले भी मिसकैरेज हो चुका है, उन्‍हें अपने अच्छे स्वस्थ के लिए प्‍लास्टिक की बोतल से ज्‍यादा पानी नहीं पीना चाहिए। प्लास्टिक की बोतल का पानी पीने से पुरुषों में स्‍पर्म काउंट कम होने लगता है। इस बात की एक शोध में पुष्टि की गई है की प्लास्टिक की बोतल का पानी पीने से पुरुषों में यौन आकर्षण कम होने का पता लगाया गया है। रासायनिक वैज्ञानिकों ने दवा किया है कि खाद्य पदार्थों के पेकेजिंग में पाए जाने वाले रसायन से यह समस्या पैदा हुई है। प्लास्टिक में कड़ापन लेन के लिए विस्फेनोल रसायन का उपयोग किया जाता है। यह दुनिया में ज्यादा तैयार होने वाले रसायनों में है।

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