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नई दिल्ली : पेट्रोलियम मंत्रालय से दस्तावेजों की चोरी से संबंधित मामले में 13 आरोपियों के खिलाफ दायर आरोपपत्र पर अदालत ने सोमवार को संज्ञान लिया। मुख्य महानगर दंडाधिकारी संजय खनगवाल ने इस मामले में दिल्ली पुलिस द्वारा दायर आरोपपत्र को स्वीकार कर लिया और इससे संबंधित दस्तावेजों को आरोपियों को मुहैया कराने का पुलिस को निर्देश दिया।
इस मामले की अगली सुनवाई 18 मई को होगी।
पुलिस ने धोखाधड़ी, जालसाजी, विश्वासघात, चोरी, आपराधिक साजिश से निपटने वाली विभिन्न धाराओं के तहत औपचारिक रूप से 13 आरोपियों को आरोपित किया।
सूत्रों के मुताबिक, कड़े सरकारी गोपनीय अधिनियम के प्रावधान आरोपियों के खिलाफ लागू नहीं होते, लेकिन आगे की जांच जारी है।
पुलिस ने शनिवार को अपने 44 पृष्ठों के आरोपपत्र में अभियोजन पक्ष के 42 गवाहों का जिक्र किया है।
दिल्ली पुलिस ने 17 फरवरी को पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय सहित विभिन्न मंत्रालयों से संबंधित गोपनीय दस्तावेजों को लीक करने के मामले में प्राथिमिकी भी दर्ज की है।
इस मामले में आरोपियों में पांच कॉर्पोरेट अधिकारी शामिल हैं, जिनमें रिलायंस इंडस्ट्रीज (आरआईएल) के कॉर्पोरेट मामलों के प्रबंधक शैलेश सक्सेना, जुबिलैंट एनर्जी के वरिष्ठ कार्यकारी अधिकारी सुभाष चंद्रा, एस्सार के उपमहाप्रबंधक विनय कुमार, रिलायंस एडीएजी के उपमहाप्रबंधक ऋषि आनंद और कैर्नस इंडिया के महाप्रबंधक के.के.नायक शामिल हैं।
इस मामले में पूर्व पत्रकार शांतनु सैकिया और मेलबर्न में ऊर्जा क्षेत्र के सलाहकार प्रयास जैन पर भी आरोप तय किए गए हैं।