मुसलमानों को न वोट की मंडी का माल और न ही घृणा की वस्तु समझें: पीएम मोदी
मुसलमानों को न वोट की मंडी का माल और न ही घृणा की वस्तु समझें: पीएम मोदी
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कोझीकोड़। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय परिषद की बैठक में पहुंचे। इस दौरान उन्होंने कहा कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय को इसी नगर में अध्यक्ष बनाया गया। तब यह नगर कालीकट के नाम से जाना जाता था। हम जनसंघ से भाजपा बन गए और कालीकट कोझीकोड़ बन गया। वह कोझीकोड़ इसलिए बना क्योंकि वह अपने मूल की ओर जड़ों से जुड़ना चाहता था। कालीकट उसे जड़ों से जुड़ने का अहसास नहीं करवाता था। इसलिए उसने अपनी पहचान बनाई। इस पहचान के साथ इस नगर का इतिहास यहां की परंपराऐं यहां की विशेषताऐं सहज रूप से जुड़ी हुई हैं।

दरअसल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पं. उपाध्याय की 100 वीं जयंती पर उपस्थितों को संबोधित कर रहे थे। हम उस जगह इसलिए आए क्योंकि पं. दीनदयाल उपाध्याय जी ने जो मंत्र दिया था उस मंत्र को फिर से ऊर्जा देना। एक बार नई उमंग और उत्साह के साथ फिर चल पड़ना इस बात की प्रेरणा के लिए हमें अपनाना है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हम उस यात्रा के यात्री नहीं है जो लेने, पाने, बनने के लिए निकले हैं। यदि लेना, पाना और बनना होता तो अपनी राजनीतिक यात्रा में हम कई समझौते कर लेते।

उन्होंने कहा कि हम जिन आदर्शों को लेकर चले थे उन आदर्शों को लेकर चरैवेति - चरैवेति का मंत्र लेकर आगे निकले। पं. दीनदयाल उपाध्याय ने अंत्योदय की बात की। दरिद्रनारायण की बात की। इनके लिए हमें कार्य करना है। उन्होंने कहा कि जिस देश की जवानी लबालब हो उस देश के सपने भी जवान होने चाहिए। इसलिए पं. दीनदयाल उपाध्याय ने जिन बातों को बताया है उसे करने की जरूरत है।

हमें विचार और आचार में समानता के बारे में विचार करना होगा। उन्होंने स्वाधीनता संग्राम का उल्लेख करते हुए कहा कि आजादी के लिए मरमिटने वाले लोग उस समय की हर पीढ़ि के लिए प्रेरणा का स्त्रोत होते थे। आजादी के बाद राजनीतिक जीवन में जो बदलाव आया जो गिरावट आई। सार्वजनिक जीवन में जो आचार के प्रति आशंकाओं का माहौल बना। हालात ये हुए कि बेटा टीचर को कभी कभी नहीं बताता है कि मेरे पिता नेता हैं।

यदि कुछ लोगों के व्यवहार के कारण राजनीतिक, सामाजिक जीवन में गिरावट आ जाए तो उसे लोकतंत्र के लिए बड़ा खतरा कहा जा सकता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि क्या हम यह प्रयास कर सकते हैं कि राजनेताओं के प्रति लोग जिस तरह से देखते हैं वह दृष्टिकोण हम बदल सकते हैं। यह बात गलत है कि सबकुछ डूब चुका है अब भी आशा जीवित है। अब भी अच्छाई के साथ चलने वाले लोग हैं।

यह विश्वास पं. दीनदयाल उपाध्याय की बात में झलकती है। उन्होंने कहा कि अन्य दलों में भी अच्छे लोग हैं। उन्होंने कहा कि बीमारी फैल रही है लेकिन इससे बचने के लिए सतत प्रयास करने पड़ते हैं। हमें सोचना होगा कि विचार और आचार से छोटे प्रतिनिधि बन सकते हैं क्या यह सोचना होगा यदि ऐसा होता है तो फिर पं. दीनदयाल उपाध्याय के लिए यह महत्वपूर्ण श्रद्धांजलि होगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि समाज का कोई अंग हमारे लिए अछूत नहीं होना चाहिए। सभी वर्गों, सभी पंथों और सभी लोगों के लिए हमारा भाव अच्छा होना चाहिए।

यह बात पंडित दीनदयाल उपाध्याय ने कही थी। उन्होंने सर्वजन हिताय सर्वजन सुखाय की बात कही थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि कुछ लोगों द्वारा भारतीय जनता पार्टी के लोगों को गलत तरह से प्रस्तुत किया जाता है। उन्होंने कहा कि अब तो देशभक्ति के लिए भी अलग माहौल बना दिया गया है।

उन्होंने कहा कि मायनाॅरिटी के लिए भी दीनदयाल जी ने अच्छी बात कही थी। उन्होंने मुसलमानों को परिष्कृत करने की बात कही थी। उनका कहना था कि न तो उन्हें तिरस्कृत करें न उन्हें पुरस्कृत करें उन्हें परिष्कृत करें। उन्हें न वोट की मंडी का माल और न ही घृणा की वस्तु समझें, उन्हें अपना समझें. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दलितों के हित की बात भी अपने उद्बोधन में कही।

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