मुंबई : "नैदेर अ हॉक नार अ डॉव" के लेखक पकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री खुर्शीद महमूद कसूरी ने दिलीप कुमार के घर पर जा के एक नया खुलासा किया है, दिलीप कुमार के बांद्रा स्थित घर पर मिलने और दिलीप कुमार के बिगड़े स्वस्थ की खबर लेने पहुंचे कसूरी बताते है की वो पुरे परिवार से पुराने संबंध रखते है, कसूरी ने कहा, "अपनी इस यात्रा के हिंसक विरोध प्रदर्शन के बाद सोमवार को मैने सोचा की शांति की दूत के साथ कुछ समय बिताना चाहिए". यहाँ मुलाकात 1 घंटे से ज्यादा चली दिलीप कुमार को उन्होंने अपनी किताब की एक प्रति भेट की, जिसके एवज में दिलीप साहब में भी उन्हें अपने दस्तख़त की हुई अपनी आत्मकथा भेट की .
नैदेर अ हॉक नार अ डॉव में लिखे एक वाकये में कसूरी लिखते है , "दिलीप साहब पाकिस्तान में हिन्दुओ और मुसलमानो को शिक्षित करने के मकसद से दो बार चुपके से आए थे. वे शांति के देवदूत है", एक वाकये में कसूरी ने लिखा है, "1999 में कारगिल युद्ध के बाद, तत्कालीन भारतीय प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने जाहिरा तौर पर खेद व्यक्त करने के लिए प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को फोन किया था, शरीफ उस वक्त काफी हैरान हुए थे फ़ोन पर दिलीप साहब की आवाज़ सुनकर, जो वाजपेयी साथ के साथ बैठे थे". दिलीप कुमार पेशावर पाकिस्तान से है और भारतीय मुस्लिम होने के नाते उनका दोनों देश के नेताओ पर काफी असर था.