पोलैण्ड: पोलैण्डवासी अपने फूड बजट का मात्र 5 फीसदी घर से बाहर खाने पर खर्च करते हैं. इससे न सिर्फ वे पैसे की बचत करते हैं, बल्कि बाहर का तलाभुना और गरिष्ठ भोजन करने से भी बच जाते हैं. 'दी ओम्नीवोरस डाइलेमा' किताब के लेखक व सामाजिक कार्यकर्ता मिशेल पोलेन कहते हैं, जो लोग घर पर भोजन पकाते-खाते हैं वे दूसरों की तुलना में मोटे और ओवरवेट कम होते हैं. हमारे यहां बाहर भोजन करने की संस्कृति नहीं है.
ब्राजील: ब्राजील के लोग सिर्फ कार्निवाल में उछल-कूद और नाच-गाकर ही अपना वजन नहीं घटाते हैं बल्कि ये अपने पारंपरिक भोजन (चावल और बींस) को पसंद करते हैं. ओबेसिटी रिसर्च जर्नल में प्रकाशित शोध के मुताबिक चावल-बींस की डाइट से (नॉनवेज भोजन की तुलना में) मोटापे के खतरे को 14 फीसदी कम किया जा सकता है. इसमें फाइबर खूब होते हैं.
फ्रांस: फ्रांस के 92 फीसदी परिवार रात का भोजन साथ-साथ करते हैं. 'इंटरनेशनल एंड अमरीकन एसो. ऑफ क्लिनिकल न्यूट्रीशनिस्ट' के अध्यक्ष फ्रेड पेस्काटोर कहते हैं, लोग इस परंपरा से दूर हो रहे हैं लेकिन मानसिक व शारीरिक सेहत के लिहाज से यह काफी महत्त्वपूर्ण है.
जर्मनी: जर्मनी के कम से कम 75 फीसदी लोग सुबह का नाश्ता जरूर करते हैं. इनका नाश्ता हैल्दी होता है जैसे फल, साबुत अनाज और ब्रेड. स्वस्थ रहने के लिए न्यूट्रीशियन सुबह का नाश्ता जरूरी बताते हैं. ब्रिटिश शोधकर्ताओं के अनुसार जो लोग सुबह का नाश्ता नहीं करते उनका ब्रेन उन्हें हाई कैलोरीफूड खाने के लिए उकसाता है. ऐसे में जर्मनवासियों की यह आदत अच्छी मानी जा सकती है.
रूस: यहां की 51 फीसदी शहरी आबादी अपनी छुट्टियां और वीकेंड ग्रामीण या कस्बाई घरों में बिताती हैं. प्राय: हर घर में एक गार्डन जरूर होता है, जहां रूसी लोग अपनी जरूरत और पसंद के मुताबिक फल और सब्जियां उगाते हैं. ताजा और ऑर्गेनिक फल-सब्जियों के कारण उनका भोजन पोषक तत्त्वों से भरपूर होता है. साथ ही गार्डन की देखभाल में भी शारीरिक व्यायाम अच्छा खासा हो जाता है.
स्विट्जरलैंड: यहां के बाशिंदे मूसली यानी ओट, फल और सूखे मेवों से बने दलिए के शौकीन हैं. यह वेट कंट्रोल कर सेहतमंद रखने के लिए बेहतरीन फूड है. यह डिश एक स्विस डॉक्टर ने मरीजों को पौष्टिक और सुपाच्य भोजन देने के मकसद से करीब सौ साल पहले तैयार की थी.
जापान: दुनिया के सबसे सेहतमंद और दीर्घायु लोगों के देशों की सूची में शुमार जापान के लोग रोजाना दिन में एक बार 20 से 30 मिनट की झपकी जरूर लेते हैं. 'पावर स्लीप' नामक चर्चित किताब के लेखक और कोर्नेल यूनिवर्सिटी के स्लीप रिसर्चर जेम्स मास कहते हैं, नींद की कमी से वजन बढ़ता है. अच्छी नींद लेने वाले वेट कंट्रोल के मिशन में कामयाब रहते हैं.