देहरादून: गाजियाबाद के डासना मौजूद देवी मंदिर के महंत एवं जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर स्वामी यति नरसिंहानंद का यूपी शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन वसीम रिजवी उर्फ जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी की गिरफ्तारी के विरोध में अनशन शनिवार को भी जारी रहा। उनका मानना है कि त्यागी के जमानत होने तक वह खाना-पानी ग्रहण नहीं करेंगे। शुक्रवार को इससे पूर्व सिटी मजिस्ट्रेट एवं सीओ सिटी उनको मनाने के लिए पहुंचे, मगर वह नहीं माने।
वही उत्तरी हरिद्वार के खड़खड़ी में 17 से 19 दिसंबर तक आयोजित धर्मसंसद में भड़काऊ भाषण देने के केस में अरेस्ट किए गए वसीम रिजवी उर्फ जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी को छोड़ने की मांग को लेकर स्वामी यति नरसिंहानंद सरस्वती बृहस्पतिवार की शाम को सर्वानंद घाट पर धरने पर बैठ गए थे तथा अनशन आरम्भ कर दिया था। शुक्रवार की प्रातः दिनभर पुलिस फोर्स धरनास्थल पर डटी रही। वहीं शाम के वक़्त सिटी मजिस्ट्रेट अवधेश सिंह तथा सीओ सिटी शेखर सुयाल ने उनसे भेंट की।
वही इस के चलते स्वामी यति नरसिंहानंद ने सिटी मजिस्ट्रेट से बताया कि सबको जेल भेजना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकारी अफसर अपनी नौकरी बचा रहे हैं। उन्होंने कहा कि जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी जब वसीम रिजवी था तब उसको अरेस्ट नहीं किया गया। जब तक वसीम रिजवी को जमानत नहीं दी जाती तब तक वह खाना-पानी ग्रहण नहीं करेंगे। वही काशी सुमेरु पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी नरेंद्रानंद सरस्वती ने वसीम रिजवी उर्फ जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी की गिरफ्तारी का विरोध करते हुए बोला कि सरकार और पुलिस प्रशासन सनातन धर्मावलंबियों के धीरज की परीक्षा लेने का दु:साहस करने की भूल न करें। इसी में सबका भला है। नहीं तो सनातनियों के कोपभाजन के ज्वालामुखी का क्या खतरनाक नतीजा हो सकता है, एक बार इसकी कल्पना कर लें।
राशनकार्ड धारकों के लिए आया नया नियम, सरकार ने उठाया ये बड़ा कदम
ओमीक्रॉन की गलत रिपोर्ट बढ़ा सकती है परेशानी, ये तीन जीन वाली किट करेगी सटीक पहचान