अहमदाबाद: बीते दिनों वंजारा ने ही सीबीआई कोर्ट से गुजरात वापसी की अनुमति मांगी थी। इसके साथ उन्होंने सोहराबुद्दीन एनकाउंटर केस के दो गवाहों को आरोपी बनाने की मांग का आवेदन भी किया था| जानकारी के अनुसार अहमदाबाद की स्पेशल सीबीआई कोर्ट ने इशरत केस में डीजी वंजारा को गुजरात वापसी की अनुमति ने दी है। लेकिन सोहराबुद्दीन एनकाउंटर केस के दो गवाहों को आरोपी बनाने की मांग का आवेदन को कोर्ट ने रिजेक्ट कर दिया।
डीजी वंजारा की वापसी पर वंजारा के बेटे पृथ्वी वंजारा ने ख़ुशी मानते हुए की, ‘मेरे पिता को अब गुजरात वापसी की अनुमति मिल गई है वे आगामी हफ्ते वे अहमदाबाद आ जाएंगे। हमारा पूरा परिवार बहुत खुश है। बहुत लंबे समय से वे परिवार के साथ नहीं हैं। इसलिए परिवार को उनका बेसब्री से इंतजार है।’
यह भी जानिए वंजारा के बारे:
वंजारा साबरकांठा जिले के इलोल गांव के रहने वाले हे इन्होने हिम्मतनगर में बीए तक पढ़ाई की थी। इसके बाद उन्होंने एमएस यूनिवर्सिटी से एलएलबी किया और इसके बाद पुलिस से जुड़ गए।
वंजारा का पुलिस कॅरियर:
- 1980 में डेप्युटी सुप्रि. ऑफ पुलिस (डीवाएसपी) के रूप में पुलिस से जुड़े।
- 1987 में आईपीएस कैडर में प्रमोशन मिला। बतौर डीएसपी और एसपी उनकी नियुक्ति गुजरात के कई जिलों में रही।
- सीबीआई से जुड़ने के बाद उन्होंने एक मजबूत गुप्तचर नेटवर्क स्थापित किया था।
- 2002 में अहमदाबाद क्राइम ब्रांच से जुड़े। उस्मानपुरा में समीर खान के एनकाउंटर के बाद वे तत्कालीन सीएम नरेंद्र मोदी के चहेते बन गए थे।
- 2003 में भावनगर के सादिक जमाल के एनकाउंटर में सक्रिय भूमिका निभाई।
- 2004 में अहमदाबाद में इशरत जहां और उसके तीन अन्य साथियों का एनकाउंटर किया।
- 2005 में गैंगस्टर सोहराबुद्ीन शेख का एनकाउंटर किया।
- 2007 में इशरत और सोहराबुद्दीन के फर्जी एनकाउंटर के आरोप में वंजारा सहित एनकाउंटर में शामिल कई पुलिस अधिकारियों को अरेस्ट किया गया था।
- 2013 में जेल से मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया। हालांकि राज्य सरकार ने उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं किया।
- 2014 में जेल से ही सेवानिवृत्त हुए।
- 5 फरवरी 2015 को सीबीआई कोर्ट ने उनकी जमानत मंजूर की। हालांकि, उनकी गुजरात वापसी पर प्रतिबंध था।
- अब सीबीआई कोर्ट ने वंजारा को गुजरात वापसी की भी अनुमति दे दी है।