कोरोना के बावजूद इस देश में खाए जा रहे है नीले रंग के अंडे, जानें क्या है पूरा मामला
कोरोना के बावजूद इस देश में खाए जा रहे है नीले रंग के अंडे, जानें क्या है पूरा मामला
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वैसे तो अमूमन अंडे सफेद रंग के ही होते हैं और इसी रंग के बाजार में बिकते हुए मिले है. हालांकि काले रंग की अंडे भी सेहत का खजाना माने जाते हैं. कड़कनाथ मुर्गे के ये अंडे काले रंग के होते हैं. ये काफी दुर्लभ होते हैं इसलिए ये काफी महंगे भी मिलते हैं. मगर क्या कभी आपने नीले रंग के अंडे को देखा हैं. अब आप सोच रहे होंगे, भला ये अंडे कहां मिलते हैं और कौन इन्हें खाता होगा. दरअसल ये खास रंग के अंडे Araucana नामक जीव देती है. ये चिली देश में पाई जाती हैं. ये भी माना जाता है कि वायरस के हमलों के वजह से   इनके अंडे का रंग नीला होता है.

बता दें की सबसे पहले इस मुर्गी को साल 1914 में देखा गया था. इसे स्पेन के पक्षी वैज्ञानिक Salvador Castelló ने देखा था. चूंकि ये मुर्गी चिली के Araucanía इलाके में देखी गई थी, इसलिए इसका नाम Araucana रख दिया गया. इस बारें में वैज्ञानिकों के मुताबिक ये घरेलू चिकन की ही एक किस्म है.

हालांकि, वैज्ञानिकों के मुताबिक रेट्रोवायरस के हमले की वजह से अंडों का रंग नीला होता है. ये वे वायरस हैं जो सिंगल RNA होते हैं. ये मुर्गियों में प्रवेश कर उनके जीनोम की संरचना को बदल देते हैं. इन रेट्रोवायरस को EAV-HP कहते हैं. जींस की संरचना में बदलाव के कारण चिकन के अंडों का रंग बदल जाता है. हालांकि वायरस के बावजूद ये खाने में बिल्कुल सुरक्षित होते हैं. क्योंकि ये महज अंडों की बाहरी संरचना को प्रभावित करते हैं. यूरोपियन देशों और अमेरिका में ये चिकन और इसके अंडे काफी चाव से खाए जाते हैं.

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