इंदौर : देवी अहिल्या विश्वविद्यालय और इससे संबद्ध कॉलेजों की गुणवत्ता को सुधारने को लेकर अपना कार्य करने वाले डीसीडीसी अर्थात् डायरेक्टर ऑफ कॉलेज डेवलपमेंट काउंसिल का लाभ अब विश्वविद्यालय को मिल सकता है। जी हां, विश्वविद्यालय बीते 26 वर्षों से एक स्थायी अधिकारी की बांट जोह रहा है। ऐसे में अब जाकर विश्वविद्यालय को डीसीडीसी मिलने की उम्मीद जगी है।
उल्लेखनीय है कि यह बात सामने आई है कि इसके लिए आवेदन प्रक्रिया प्रारंभ हो गई है जो कि 23 मई तक चलेगी। इस हेतु 26 आवेदन भी प्राप्त हुए हैं। विशेष बात यह है कि विश्वविद्यालय को रेग्युलर डीसीडीसी नहीं मिला है। दरअसल जो अधिकारी इस पद पर हैं वे किसी न किसी विभाग में अध्यापक की जिम्मेदारी भी संभाल रहे हैं। ऐसे में स्थायी डीसीडीसी के लिए आवेदन मांगे जा रहे हैं।
हालात ये हैं कि वर्तमान डीसीडीसी डॉ. सुमंत कटियाला यूटीडी में अध्यापन भी करवाते हैं। मगर विश्वविद्यालय के नालंदा परिसर में अधिक देर के लिए आने वाले डीसीडीसी कम ही हैं। अधिकांश कुछ ही देर आते हैं जिससे विश्वविद्यालय की विकासीय गतिविधियां और कॉलेजों की निरीक्षण प्रक्रिया बाधित हो जाती हैं।