मेक इन इंडिया में नकली माल लगा रहा सेंध
मेक इन इंडिया में नकली माल लगा रहा सेंध
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भारत में नकली माल को लेकर चिंताए जताई जा रही है. कहा जा रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा शुरू किया गया "मेक इन इंडिया" मिशन तब ही पूरा हो सकता है जब देश में बन रहा उत्पाद विश्वसनीय होता है. इस मामले में एक जानकर का यह भी कहना है कि होलोग्राम और टेंपर-प्रूफ सील बाहर की सरल तकनीकें है और इनके द्वारा उत्पादों के प्रमाणन से भारत में कई अरबों रुपयों की बचत हर वर्ष की जा सकती है. इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा है कि "मेक इन इंडिया" प्रोजेक्ट को लेकर उत्पादों के प्रमाणन की जरुरत है, यह सुनिश्चित किया जाना बहुत ही जरुरी है कि भारत में निर्मित उत्पाद सर्वगुण संपन्न हो.

एक हवाले में यह बात सामने आई है कि 2013-14 के दौरान नकल के कारण पैकेज्ड उत्पाद बेचने वाली तेज खपत उपभोक्ता वस्तु (एफएमसीजी) कंपनियों को 21,957 करोड़ रुपये के नुकसान का सामना करना पड़ा है. इसके साथ ही एफएमसीजी, मोबाइल फोन, अल्कोहलिक पेय, तंबाकू, वाहन उपकरण और कंप्यूटर हार्डवेयर उत्पादों की निर्माता कंपनियों को इसी अवधि में नकल के कारण 1,05,381 करोड़ रुपये के नुकसान का सामना करना पड़ा है. इस दौरान यह भी सामने आया है कि ऑथेंटिकेशन सोल्यूशन प्रोवाइडर्स एसोसिएशन के सदस्यों के द्वता देशभर में असली उत्पादों की पहचान की जाती है और इसके द्वारा करीब 10 हजार से अधिक ब्रांडों की सुरक्षा भी की जाती है.

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