भारतीय सेना के खिलाफ युवाओं को भड़का रही कांग्रेस, जरूर पढ़ लें ये खबर वरना आप भी राहुल गाँधी के झूठ को मान बैठेंगे 'सच'
भारतीय सेना के खिलाफ युवाओं को भड़का रही कांग्रेस, जरूर पढ़ लें ये खबर वरना आप भी राहुल गाँधी के झूठ को मान बैठेंगे 'सच'
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नई दिल्ली: भारतीय सेना ‘अग्निपथ’ स्कीम लेकर आई थी, जिसके तहत 18 से 21 वर्ष तक के युवाओं को 4 वर्षों के लिए भारतीय सेना में काम करने का अवसर प्राप्त हो रहा है। इसके बदले में उन्हें वेतन प्राप्त होता है तथा इनमें से 25 प्रतिशत को भारतीय सेना में स्थायी नियुक्ति। 4 वर्ष पश्चात् उन्हें 12 लाख रुपए दिए जाते हैं, जीवन में आगे कुछ करने के लिए। ये प्रशिक्षित एवं कौशल युक्त होते हैं, ऐसे में इन्हें प्राइवेट नौकरियों में भी समस्या नहीं होगी। मगर, भारत के विपक्षी नेता इसे लेकर अफवाह फैलाने में अब भी कोई कोर-कसर नहीं छोड़ रहे। हाल ही में एक ताज़ा खबर सामने आई है जिसमे दुनिया के सबसे ऊँचे युद्ध क्षेत्र सियाचिन, जहाँ पूरा क्षेत्र बर्फ से ढँका रहता है, वहाँ एक ऑपरेशन के चलते ‘अग्निवीर’ गवाते अक्षय लक्ष्मण ने अपना सर्वोच्च बलिदान दे दिया। वो पहले ऐसे ‘अग्निवीर’ हैं जिन्होंने बलिदान दिया है।

‘अग्निवीर’ गवाते अक्षय लक्ष्मण से पहले ‘अग्निवीर’ अमृतपाल सिंह की स्वयं के ही बंदूक की गोली लगने से मृत्यु हो गई थी, जिसे भारतीय सेना ने अपने लिए और उनके परिवार के लिए बड़ी क्षति बताया था। उस पर भी विपक्षी दलों ने जमकर प्रोपेगंडा किया था। गवाते अक्षय लक्ष्मण महाराष्ट्र के रहने वाले थे। राहुल गाँधी ने उनके बलिदान के पश्चात् लिखा, “सियाचिन में ‘अग्निवीर’ गवाते अक्षय लक्ष्मण की शहादत का समाचार बहुत दुखद है। उनके परिवार को मेरी गहरी संवेदनाएँ। एक युवा देश के लिए शहीद हो गया – सेवा के वक़्त न ग्रेच्युटी न अन्य सैन्य सुविधाएँ, और शहादत में परिवार को पेंशन तक नहीं। ‘अग्निवीर’, भारत के वीरों के अपमान की योजना है!” क्या वाकई ऐसा है? क्या ‘अग्निपथ’ योजना के तहत भारतीय सेना में भर्ती हुए जवानों को कोई सुविधा नहीं प्राप्त होती?

दरअसल, असली बात ये है कि गैर-अंशदायी बीमा के रूप में 48 लाख रुपए रुपए बलिदानी जवान के घरवालों को प्राप्त होंगे। साथ ही 44 लाख रुपए की अनुग्रह राशि भी दी जाएगी। इसके अतिरिक्त ‘अग्निवीर’ अपने वेतन में से ‘सेवा निधि’ में भी 30 प्रतिशत योगदान देते हैं, इतनी ही राशि सरकार भी उनके बैंक अकाउंट में डालती है – ये उन्हें ब्याज सहित प्राप्त होगा। इतना ही नहीं, मृत्यु की तारीख़ से लेकर अगले 4 साल तक पूरा वेतन परिवार को दिया जाएगा। इस दुखद घटना के पश्चात् परिजनों को वेतन के रूप में प्रत्येक माह प्राप्त होने वाली राशि को जोड़ दिया जाए तो अगले 4 सालों में 13 लाख रुपए मिलेंगे। पीड़ित परिवार को ‘सशस्त्र बल युद्ध हताहत कोष’ से भी 8 लाख रुपए दिए जाएँगे। ‘फायर एंड फ्यूरी कॉर्प्स’ समेत भारतीय सेना के मुखिया मनोज पांडे ने भी उनके बलिदान पर दुःख व्यक्त किया है। साफ़ है, राहुल गाँधी झूठ फैला कर युवाओं को भारतीय सेना के खिलाफ भड़का रहे हैं। देश की सुरक्षा से जुड़े मुद्दों पर भी राजनीति कर रहे हैं।

इसी प्रकार, पंजाब के ‘अग्निवीर’ अमृतपाल सिंह को लेकर कॉन्ग्रेस, AAP तथा ‘अकाली दल’ ने झूठ फैलाया था। आरोप लगाया गया कि उनकी अंत्येष्टि भी सैन्य सम्मान के साथ नहीं हुई। भारतीय सेना ने बताया कि संतरी की ड्यूटी के चलते अमृतपाल सिंह ने स्वयं को गोली मार कर खुदखुशी कर ली, जो उनके परिवार और देश की सेना के लिए एक बड़ी क्षति है। सुविधाओं तथा प्रोटकॉल्स के मामले में ‘अग्निपथ योजना’ के पहले और बाद भर्ती हुए सैनिकों को लेकर कोई पक्षपात नहीं किया जाता है। आत्महत्या या स्वयं से दिए गए जख्म से हुई मौतों को लेकर दशकों से अलग नियम है।

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