नई दिल्ली : भारत सरकार के एक आईपी एड्रेस के द्वारा नेहरू के पेज पर 26 जून को उनके धर्म से सम्बंधित कुछ एडिट करने वाला खुलासा हुआ है. इसमें यह एडिट किया गया की नेहरू के दादा गंगाधर नेहरू का सम्बन्ध मुस्लिम धर्म से है. इस जानकारी को विकीपीडिया से फिलहाल हटा दिया गया है. भारत के पहले प्रधानमंत्री के सम्बन्ध में यह एडिट एक ही आईपी एड्रेस से किया गया था और वेरिफिकेशन में यह पता चला है की वह आईपी नेशनल इंर्फोमेटिक्स सेंटर (एनआईसी) से सम्बन्ध रखता है. इससे पता चलता है कि यह आईपी एड्रेस एनआईसी द्वारा प्रदत्त करवाया गया था.
विपक्ष ने आरोप लगाया है कि जवाहरलाल नेहरू से जुड़े विकीपीडिया पेजों को केंद्र सरकार के एक आईपी एड्रेस से परिवर्तित कर दिया गया है. एडिट किये गए बदलाव में एक बदलाव का सम्बन्ध नेहरू के दादा गंगाधर के बारे में था. 'गंगाधर का जन्म गयासुद्दीन ग़ाज़ी के रूप में एक मुस्लिम परिवार में हुआ था, लेकिन उन्होंने अंग्रेज़ों की पकड़ से बचने के लिए नाम परिवर्तित कर गंगाधर रख लिया जो एक हिन्दू नाम है. नेता रणदीप सुरजेवाला ने विषय में जानकारी दी कि इस एक्टिविटी को ट्रेस करने पर पता चला कि यह केंद्र सरकार के सॉफ्टवेयर प्रोवाइडर नेशनल इन्फॉर्मेटिक्स सेंटर (एनआईसी) से एडिटिंग की गयी थी.
भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरु और उनके दादा को मुस्लिम बताए जाने पर कांग्रेस ने जमकर हंगामा मचाया. कांग्रेस ने यह मांग उठाई है की प्रधानमंत्री इस सम्बन्ध में माफ़ी मांगे. कांग्रेस मीडिया विभाग के प्रमुख रणदीप सिंह सुरजेवाला ने मीडिया से इस विषय में बातचीत के दौरान कहा कि देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू के विकीपीडिया पेज को हैक करके उन्हें मुस्लिम बताने का यह प्रयास नमो सरकार द्वारा किया गया है. इस मामले में सरकार को कांग्रेस से माफ़ी मांगनी चाहिए.
रणदीप सिंह सुरजेवाला ने सवाल उठाया है कि क्या मोदी सरकार इस मामले को लेकर मुकदमा दायर किया जाएगा. मीडिया में आई खबरों के आधार पर विकीपीडिया पर जानकारी को एडिट करके नेहरू और उनके दादा को 'मुस्लिम ' होने की जानकारी दी गयी थी. यह मामला पहली बार 26 जून को प्रकाश में आया था. विपक्ष के कड़े विरोध के बाद गलत जानकारी को ठीक कर दिया गया था.