फॉरेन डायरेक्ट इनवेस्टमेंट के नियमो को लागु किया
फॉरेन डायरेक्ट इनवेस्टमेंट के नियमो को लागु किया
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नई दिल्ली: भारत सरकार ने प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के जिन नियमो में बदलाव की प्रक्रिया को बनाया गया था उसे भारत सरकार ने लागु कर दिया है. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक इस बदलाव से भारतीय कंपनियों की जो भी उलझने है वह समाप्त हो जाएगी व इससे ई-कॉमर्स को काफी बढ़ावा मिलेगा.

इस बदली गई नियमावली के मुताबिक अब अगर कोई भी कंपनी भारत में विनिर्माण करती है तो वह किसी भी प्रकार से कोई भी रोकटोक के अपने किसी भी उत्पाद को ऑनलाइन बेच सकते है. डीआईपीपी यानि डिपार्टमेंट ऑफ इंडस्ट्रियल पॉलिसी एंड प्रमोशन ने दोहराया है की अब अगर किसी भी उत्पाद में कोई बदलाव किया जाता है तो उसे नई शक्ल मिलती है और वह भिन्न उत्पाद बन जाता है.

जिसका नाम भी अलग है या अलग केमिकल कंपोजिशन के चलते नया प्रॉडक्ट वजूद में आता है तो उसे मैन्युफैक्चरिंग कहा जाएगा. इस प्रक्रिया से भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मेक इन इंडिया पहल को जबरदस्त रूप से बढ़ावा मिलेगा. इसका मकसद है की भारत में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की ग्रोथ तेज करना है। इसके विशेषज्ञों का कहना है की अब सिर्फ प्रोसेसिंग या प्रॉडक्ट पर नया लेबल लगाने को मैन्युफैक्चरिंग नहीं माना जाएगा।

डीआईपीपी के इस कदम के बाद ऐसा करने वाली कंपनियों को नुकसान हो सकता है। इस पर परेश पारेख जो की ईवाई में पार्टनर परेश है उन्होंने अपने बयान में कहा की FDI के लिए मैन्युफैक्चरिंग की परिभाषा तय करना बड़ी सफलता है. इससे ऑटोमोबाइल कंपनियों व टेलीकॉम कंपनियों को फायदा मिलेगा.

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