वैश्विक अर्थव्यवस्था की चाल को लम्बे समय से कमजोर देखा जा रहा है और अब इसको देखते हुए ही अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष की प्रबंध निदेशक क्रिस्टीन लगार्ड का यह बयान सामने आया है कि वैश्विक आर्थिक विकास में अगले साल निराशा हाथ लग सकती है. इसके साथ ही जानकारी में यह बात भी सामने आई है कि जहाँ एक तरफ फ़ेडरल रिज़र्व के द्वारा ब्याज दरों में बढ़ोतरी की गई है तो वहीँ चीन में सुस्ती की लहर देखने को मिली है जोकि वैश्विक विकास की राह में रोड़ा बनकर सामने आ सकती है.
उन्होंने साथ ही यह भी बताया है कि विश्व व्यापार की चाल भी धीमी बनी हुई है जोकि एक बड़ी समस्या पैदा कर सकती है. लेकिन इसके साथ ही यह भी कहा है कि अमरीकी मौद्रिक नीति सामान्य हुई है और साथ ही चीन उपभोग आधारित विकास की तरफ बढ़ रहा है जोकि एक अच्छे बदलाव को बता रहे है.
फेडरेल के द्वारा लगभग एक दशक के अंतराल में ब्याज दरों में बढ़ोतरी की गई है जबकि इसमें आगे भी वृद्धि होने की सम्भावना बनी हुई है. इसके साथ ही उन्होंने जानकारी में यह भी कहा है कि ब्याज दरों के बढ़ने से कई अन्य विकासशील देखों में ऋण महंगा हो जाना है. उन्होंने लिखा कि ब्याज दरों में बढ़ोतरी, चीन में आर्थिक सुस्ती कई ऐसे कारक है जिनके कारण 2016 में निराशा हो सकती है.